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केन्द्र सरकार का क्रूर कदम-वाम

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 25 जून 2010 (20:43 IST)
पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में बढ़ोतरी को जनता के खिलाफ ‘क्रूर कदम’ बताते हुए वाम दलों ने शुक्रवार को सरकार से माँग की कि वह बढ़ी कीमतें तत्काल वापस ले और यह झूठा तर्क देना बंद करे कि कीमत बढ़ोतरी जरूरी है।

माकपा, भाकपा, आरएसपी और फारवर्ड ब्लॉक ने एक संयुक्त बयान में कहा कि पेट्रोल, डीजल, केरोसिन तेल और कुकिंग गैस की कीमत में इतनी अधिक बढ़ोतरी का संप्रग सरकार का फैसला जनता के प्रति उठाया गया क्रूर कदम है, जो पहले से ही खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुओं की महँगाई से त्रस्त है।

इन दलों ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने अपना जनविरोधी चेहरा उजागर कर दिया है क्योंकि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में बढ़ोतरी का फैसला ऐसे समय किया गया है, जब खाद्यान्न मुद्रास्फीति की दर लगभग 17 प्रतिशत के स्तर पर है और सामान्य मुद्रास्फीति दोहरे अंक पर पहुँच गई है।

वाम दलों ने कहा कि पेट्रोल की कीमत का विनियमन और इसे बाजार द्वारा तय किए जाने का फैसला अर्थव्यवस्था और देश के लिए घातक होगा। सरकार पर ऐसे कदम उठाने के लिए झूठे तर्क देने का आरोप लगाते हुए वाम दलों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में तीन ही महीने पहले केन्द्रीय बजट के समय तीन रुपए की बढ़ोतरी की गई थी।

उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इस अवधि में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। सरकार पेट्रोलियम उत्पादों के कर ढाँचे को युक्तिसंगत बनाने के लिए तैयार नहीं है। वाम पार्टियों ने कहा कि विनियमन के फैसले से निजी कंपनियों को ही फायदा होगा, जो सरकार के मूल्य नियंत्रण के कारण बाजार से बाहर चली गई थीं। अब वे मुनाफा कमाने के लिए बाजार में प्रवेश के लिए मुक्त हैं।

इन दलों ने कहा कि पेट्रोल की कीमत का विनियमन कर सरकार ने पेट्रोल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी का रास्ता तैयार कर दिया है। डीजल और केरोसिन तेल की कीमत बढ़ाने से किसान और अत्यंत गरीब वर्ग बुरी तरह प्रभावित होगा। एलपीजी की कीमत में बढ़ोतरी से मध्यम वर्ग पर और बोझ पड़ेगा।

बढ़ोतरी तत्काल वापस लेने की माँग करते हुए वाम दलों ने अपनी सभी इकाइयों से कहा कि वे सरकार के इस फैसले के खिलाफ मिलकर आंदोलन छेड़ें।

माकपा नेता वृन्दा करात ने कहा कि यह शर्मनाक है कि हमारे पास दिल्ली में ऐसी सरकार है, जो जनता के प्रति बिलकुल निर्दयी रवैया रखती है। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा कि संप्रग-2 सरकार महँगाई नियंत्रण में पूरी तरह विफल रही है और वह आम आदमी पर अनावश्यक बोझ डाल रही है। (भाषा)

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