Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

डी-कंपनी का नकली नोटों का खेल

हमें फॉलो करें डी-कंपनी का नकली नोटों का खेल
नई दिल्ली , रविवार, 4 दिसंबर 2011 (11:12 IST)
डी-कंपनी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर भारत में नकली नोट का प्रवाह संचालित कर रहे हैं। सरकार का भी मानना है कि ये नोट इतनी उंची क्वालिटी के हैं कि किसी अन्य देश के शासन में बैठे लोगों की मदद के बगैर यह काम नहीं हो सकता।

केन्द्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने भी पिछले दिनों कहा ‍कि नकली नोटों की जिस तरह की क्वालिटी देखने में आई है, उससे लगता है कि इसमें किसी देश के शासन के लोग शामिल हैं।

यह पूछने पर कि भारत में बड़े पैमाने पर नकली नोटों के प्रसार में क्या पाकिस्तान का हाथ है, उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि भारत में नकली नोट भिजवाने में किसी देश के शासन के लोग शामिल हैं। कोई शासनेतर व्यक्ति इसके पीछे नहीं है।

ऐसा हो सकता है कि शासन के लोग शासनेतर लोगों को इस काम में लगा रहे हों। इस सवाल पर कि कहीं इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ तो नहीं, सिंह ने कहा ‍कि हम किसी देश के शासन के लोगों का नाम नहीं ले रहे हैं।

आप समझ सकते हैं कि किस देश के शासन के लोग कौन हैं। इस बीच सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने नकली नोटों के जरिए आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया कराने के छह मामलों का पता लगाया है। आईएसआई अधिक से अधिक मात्रा में नकली नोट भारत में भिजवाने के लिए दिन-रात एक किए हुए है।

सूत्रों ने दावा किया कि एनआईए के पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं कि नकली नोट के रैकेट में पाकिस्तान का हाथ है। बताया जाता है कि इन नोटों की छपाई पाकिस्तान स्थित किसी सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में की जाती है। आम तौर पर पांच-पांच सौ या फिर हजार-हजार रुपए के नोट छापे जाते हैं।

सूत्रों ने बताया कि इस बारे में भी कोई शक नहीं है कि इस जाली मुद्रा का इस्तेमाल बेरोजगार युवकों को आतंकवादी बनने के लिए लुभाने में किया जाता है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi