अरविंद केजरीवाल और पूर्ववर्ती टीम अन्ना के सैकड़ों समर्थकों को रविवार को पुलिस ने हिरासत में लिया जब कोयल खदान आवंटन के मुद्दों पर वे प्रधानमंत्री, कांग्रेस और भाजपा प्रमुखों के आवास के घेराव के लिए निकले। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया।
केजरीवाल को आज दिन में दो बार हिरासत में लिया गया। पहले सुबह उन्हें प्रधानमंत्री आवास के निकट से पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। दोबारा दिन में जब वह घेराव करने के लिए समर्थकों के साथ वहां पहुंचे तब प्रधानमंत्री आवास से कुछ पहले ही अकबर रोड पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
भाजपा को निशाना बनाने के मुद्दे पर पूर्ववर्ती टीम अन्ना के सदस्यों में मतभेद भी सामने आया और किरण बेदी जंतर-मंतर से दूर रहीं।
जंतर-मंतर से प्रदर्शनकारियों ने अलग-अलग समूहों में रेस कोर्स स्थित प्रधानमंत्री आवास, जनपथ स्थित कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और तुगलक रोड स्थित भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास की ओर मार्च किया।
प्रदर्शनकारियों के जंतर-मंतर से रवाना होने पर पुलिस ने उन्हें नहीं रोका और प्रदर्शनकारियों ने कई जगह अवरोधक गिरा दिए, लेकिन जब वे नेताओं के आवासों से मात्र एकाध किलोमीटर ही दूर रह गए तो पुलिस ने उन्हें रोकना शुरू किया।
प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने जनपथ, अकबर रोड और तुगलक रोड पर पानी की बौछारें और आंसू गैस छोड़ी।
केजरीवाल सहित प्रशांत भूषण, मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास को हिरासत में ले लिया गया। बाद में केजरीवाल ने कहा कि हमारा मकसद देश को दिखाना था कि कैसे कांग्रेस और भाजपा कोयला खदान के आवंटन के मुद्दे पर एक दूसरे से मिली हुई हैं। हमने अपना काम सफलतापूर्वक किया और अब हमें घर वापस लौट जाना चाहिए। उन्होंने घेराव प्रदर्शन के खत्म होने की घोषणा करते हुए प्रदर्शनकारियों से अपने-अपने घर लौट जाने की अपील की।
इससे पहले केजरीवाल ने आज जंतर-मंतर से प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से सवाल पूछे और उनसे देश की जनता को इनके जवाब देने के लिए कहा। केजरीवाल के भाषण के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास, सोनिया गांधी और गडकरी के आवास को घेरने के लिए मार्च किया।
केजरीवाल के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों की भीड़ अकबर रोड पहुंची तो उस पर आंसू गैस, पानी की बौछारें छोड़ी गईं और पुलिस ने केजरीवाल को समर्थकों सहित हिरासत में ले लिया। केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि मैं यहां बात करने आया था और मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।
इससे पूर्व जंतर मंतर पर केजरीवाल ने कोयला घोटाले के संबंध में प्रधानमंत्री से 11 सवाल और गडकरी से 10 सवाल पूछे और कहा कि देश की जनता को इसका जवाब दे।
उन्होंने कहा कि सारी पार्टियां आपस में मिली हुई हैं और राजनीतिक दल मिलकर देश को लूट रहे हैं। केजरीवाल ने मांग की कि कोयले के सारे लाइसेंस रद्द किए जाएं। उन्होंने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन में प्रति टन के हिसाब से रिश्वत ली गई है, जिसकी रकम सवा लाख करोड़ रुपए तक पहुंचती है।
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केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि कोयला सचिव के बार-बार पत्र लिखने के बावजूद किन कारणों से उनकी बात नहीं मानी गई। उन्होंने भाजपा, माकपा, बीजद के मुख्यमंत्रियों की गलत सलाह क्यों मानी।
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी के आवास के बाहर आज दिनभर छिटपुट प्रदर्शन का सिलसिला चलता रहा। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया और बाद में छोड़ दिया गया।
दिन की शुरुआत थोड़े नाटकीय अंदाज में हुई जब केजरीवाल अपने पांच अन्य साथियों मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वास, संजयसिंह और गोपाल राय के साथ अचानक प्रधानमंत्री और कांग्रेस तथा भाजपा पार्टी अध्यक्षों के आवास के सामने नमूदार हुए।
पुलिस ने इन सबको हिरासत में ले लिया और करीब एक घंटे तक मंदिर मार्ग थाने में रखने के बाद छोड़ दिया। केजरीवाल के समर्थकों ने इन लोगों को बवाना ले जाने के पुलिस के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया।
केजरीवाल और राय को प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के आवास के बाहर से हिरासत में लिया गया, जबकि सिसोदिया और विश्वास को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ के बाहर से हिरासत में लिया गया। संजयसिंह और एक अन्य व्यक्ति को भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी के आवास के बाहर से गिरफ्तार किया गया।
इन लोगों ने यह आरोप लगाते हुए तीनों नेताओं के आवास के घेराव का ऐलान किया था कि भ्रष्टाचार में कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे का साथ दे रहे हैं और कोयला ब्लॉक आवंटन में दोनों मिले हुए हैं।
भ्रष्टाचार विरोधियों का सड़क पर हुड़दंग : ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ के कार्यकर्ताओं ने आज मध्य दिल्ली में रैली निकालते वक्त कानून की परवाह नहीं की। प्रदर्शनकारियों ने बैरीकेट्स गिराने से लेकर सरकारी बसों की हवा निकालने और गाड़ियों को चलने से रोकने तक की गतिविधियों को अंजाम दिया।
जंतर-मंतर से शुरू होते हुए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास तक रैली में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस के आदेशों को नजरअंदाज कर दिया। जिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया उनसे प्रदर्शनकारियों की झड़पें हो गईं।
सोनिया के आवास से कुछ ही गज दूर जनपथ-मौलाना आजाद मार्ग चौराहे पर करीब 200 लोग इकट्ठे हो गए। पानी की बौछारें, आंसू गैस के गोलों और लाठियों का इस्तेमाल करते हुए भी पुलिकर्मियों को लोगों को हटाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
जब ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ के कार्यकर्ता मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वास और प्रशांत भूषण ने घेरा तोड़कर सोनिया के आवास तक पहुंचने की कोशिश की तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस से उनका सामना हुआ।
सिसोदिया और कुमार विश्वास को बस में ले जाया गया जिसके बाद वह बस के ऊपर चढ़ गए और पत्रकारों से बात की। हालांकि भूषण उस समय बस में ही बने रहे। जब पुलिस ने उनसे वापस जंतर मंतर जाने के लिए कहा तो प्रदर्शनकारियों ने इसे अनसुना कर दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों को हरकत में आना पड़ा और उन्होंने पानी की बौछारें की और आंसू गैस के गोले दागे।
हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को ले जाने के लिए आईं बसों के पहियों की समर्थकों ने हवा निकाल दी। कार्यकर्ताओं ने वहां से गुजर रहे वाहनों को रोका और उनमें सवार लोगों से आंदोलन में शामिल होने के लिए कहा। (भाषा)