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फैसला किसी की जीत या हार नहीं-संघ

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नई दिल्ली , गुरुवार, 30 सितम्बर 2010 (19:48 IST)
अयोध्या के विवादित स्थल के मामले में स्वामित्व विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने गुरुवार को कहा कि इससे राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है, लेकिन इसे किसी की विजय या किसी की पराजय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

अदालत के फैसले के बाद लोगों से संयम बरतने की अपील करते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ मुख्यालय केशव कुंज में कहा कि यह मंदिर राष्ट्रीय मूल्यों का प्रतीक है।
भगवान राम भारत की समृद्ध, समावेशी, सहिष्णु और एक दूसरे का ख्याल रखने वाली संस्कृति का प्रतीक हैं और मुसलमानों समेत समाज के सभी लोगों को मिलजुलकर इस राष्ट्रीय प्रतीक को स्थापित करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन का स्वरूप कभी भी प्रतिक्रियात्मक नहीं रहा और यह किसी विशेष समुदाय के खिलाफ भी नहीं है। भागवत ने कहा कि पिछली बातों और कटुता को भूलकर राष्ट्रीय एकता के प्रतीक राममंदिर को स्नेह भाव से बनाने में जुट जाना चाहिए। हम मुस्लिमों सहित सबको मंदिर निर्माण में सहयोग देने का आह्वान करते हैं ।

भागवत ने कहा कि अदालत के फैसले से आनंदित होना स्वाभाविक है, लेकिन हमें अपनी भावना नियंत्रित, संयमित और शांतिपूर्ण ढंग से प्रकट करनी चाहिए, लेकिन यह कानून और संविधान की मर्यादा में हो। ऐसी कोई बात नहीं करनी चाहिए, जिससे दूसरे को ठेस पहुँचे। (भाषा)

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