Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भारत को हैकरों से खतरा

Advertiesment
हमें फॉलो करें भारत को हैकरों से खतरा
पटना , सोमवार, 7 फ़रवरी 2011 (13:04 IST)
FILE
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार को हैकिंग से बड़ा खतरा बताने वाले जाने माने एक युवा विशेषज्ञ का कहना है कि एथिकल हैकिंग ऐसी सेंधमारियों को दूर करेगा।

साइबर और हैकिंग के जाने माने विशेषज्ञ अंकित फाड़िया के अनुसार कंप्यूटरों के तंत्र में सेंध लगाने वाले सेंधमारों से 100 फीसदी सुरक्षा संभव नहीं है, लेकिन एहतियाती दिशा-निर्देशों के बारे में लोगों को सचेत कर देश में सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार को सुगम बनाया जा सकता है। ऐसे में एथिकल हैकिंग साइबर जगत में भरोसा कायम करने का साधन बन सकता है।

फाड़िया ने कहा कि लोग हैकिंग के खतरे के कारण साइबर जगत को सुरक्षित नहीं मानते जिसके कारण ई-कामर्स को देश में आशातीत सफलता नहीं मिल रही है।

युवा विशेषज्ञ ने बताया कि बड़ी संख्या में आज भी देश में लोग हैकिंग के खतरे के कारण कंजरवेटिव बने हुए और सूचना प्रौद्योगिकी से लैस होने में हिचकिचाहट है। ई-बैंकिंग, ई-पेमेंट, ई-शिक्षा जैसे साइबर जगत के अन्य अनुप्रयोग से लोग हैकिंग के कारण हिचकिचाते हैं।

ऐसे में लोगों को साइबर कानूनों, एहतियाती उपायों के बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है। कंप्यूटर और साइबर सुरक्षा के बारे में देश विदेश में लोगों, कंपनियों को जानकारी देने वाले फाड़िया का मानना है कि युवाओं की साइबर जगत सक्रियता बढ़ने से हैक्टिविज्म का शिकार होने का जोखिम बहुत बढ़ा है।

फाड़िया मानते हैं कि फेसबुक, ऑरकुट, माइस्पेस, ट्विटर पर लागरों की सक्रियता बहुत अधिक होती है और यहीं से सेंधमारों (हैकरों) को साइबर जगत पर हमला करने का मौका मिल जाता है।

एथिकल हैकिंग अर्थात गैरकानूनी सेंधमारों से सुरक्षा का प्रशिक्षण देने वाले कार्य को एक बेहतर करियर सृजन के रूप में पैरोकार अंकित फाड़िया ने इसे बाकायदा कोर्स के रूप में तवज्जो दिया है। फाड़िया एक प्रमाणित पाठ्यक्रम भी चला रहे हैं। वह इस पाठ्यक्रम के माध्यम से सेंधमारों से सुरक्षा पुख्ता करने का प्रशिक्षण देते हैं।

नेशनल एसोसिएशन साफ्टवेयर सर्विसेज कंपनी अर्थात नैसकाम की रिपोर्ट का हवाला देते हुए फाड़िया कहते हैं कि यह आज के समय की जरूरत है। उनका कहना है कि देश को आज के समय में 77 हजार एथिकल हैकरों की दरकार है और विश्व भर में यह संख्या आँकड़ों में एक लाख 88 हजार प्रतिवर्ष है।

फाड़िया ने बताया कि साइबर हमलों की संख्या प्रतिदिन इतनी अधिक होती है कि चेतावनी देने वाली निगरानी संस्था कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट) के बस की भी बात नहीं है कि वह पूरी-पूरी जानकारी दे सके।

उन्होंने कहा कि सर्ट जितनी भी वेबसाइट ब्लॉक करती है हैकर उसका तोड़ निकाल लेते हैं और यह डाल-डाल तो वह पात-पात का खेल चलता है। सर्ट प्रतिमाह करीब पाँच हजार साइबर हमलों के बारे में सचेत करती है लेकिन वास्तविक संख्या इससे 10 गुना अधिक है।

साइबर सुरक्षा की मुहिम में भारत में 15 हजार से अधिक एथिकल हैकरों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित कर चुके फाड़िया कहते हैं कि ई-मेल, चैटिंग, ऑनलाइन गेमिंग और अन्य प्रकार के साइबर अनुप्रयोग जब इतने आम हो चुके हैं तथा किशोर जगत में लोकप्रिय हो चुके तो इस रुझान की सुरक्षा के प्रति बुनियादी पाठ्यक्रम आधारित जानकारी जरूर दी जानी चाहिए।

फाड़िया ने भारत के साइबर कानूनों को अच्छा बताया लेकिन कहा कि कानून प्रवर्तन इकाइयों जैसे पुलिस को इनके बारे में जानकारी बहुत कम है। आला अधिकारियों तक को ठीक से साइबर क्राइम का कखग नहीं पता होता।

उन्होंने कहा कि साइबर सदुपयोग के कारण जहाँ एक वरदान है तो दुरुपयोग के कारण एक अभिशाप भी। यौन विकृतियों से ग्रस्त लोग अश्लीलता को पौर्नोग्राफी, चाइल्ड पौर्नोग्राफी का बड़ा ऑनलाइन धंधा बना चुके हैं। साइबर कानून के बारे में अधिक जागरूकता न होने के कारण ऐसे आपराधिक तत्व कानून की गिरफ्त से बाहर हैं।

फाड़िया ने बताया कि एक बड़ी कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत से बड़ी संख्या में स्पैम मेल (झाँसा देने वाले मेल) एशिया प्रशांत क्षेत्र में भेजे जाते हैं। ऐसी स्थिति में देश को साइबर सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करने की बहुत जरूरत है।

दुनिया में इंटरनेट प्रोटोकाल का संस्करण (आईपी वर्जन) चार से परिवर्तित होकर छह होने जा रहा है इसे फाड़िया साइबर परिदृश्य में सुरक्षा पुख्ता करने वाला मानते हैं, लेकिन उनका कहना है कि मॉडम, राउटर और अन्य जरूरी साधनों में बड़ा परिवर्तन करना होगा।

दस वर्ष की आयु में एक कुशल हैकर का कीर्तिमान बनाने वाले फाड़िया कहते हैं कि मोबाइल टेलीफोनी अब तीसरी पीढ़ी (3-जी) में प्रवेश करने जा रही है ऐसे में ई-कामर्स का बहुत सारा काम इस प्रौद्योगिकी के माध्यम से होगा। ऐसे परिदृश्य में हैकरों का सारा ध्यान 3-जी की ओर आकृष्ट होगा। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi