कई लोगों को बहुत पुरानी बात तक याद रहती है, लेकिन ताजा यादें उनके मस्तिष्क से हट जाती हैं। भूलने की यह सामान्य आदत डिमेंशिया की निशानी हो सकती है।
गैर सरकारी संगठन एजवेल ने वृद्धजनों की जरूरतें और अधिकार विषय पर अपनी दसवीं संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में वृद्धजनों ने भाग लिया।
संगोष्ठी विशेषतौर पर डिमेंशिया रोग से पीड़ित वृद्धों को समर्पित थी। समाज में वृद्धों के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं तथा उनकी विशेष चिकित्सीय आवश्यकताओं पर भी संगोष्ठी में चर्चा की गई।
इस अवसर पर इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ तंत्रिका रोग विशेषज्ञ डॉ. अनूप कोहली ने डिमेंशिया रोग तथा इसके इलाज पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बढ़ती आयु में मस्तिष्क का प्रभाव मस्तिष्क के किसी भी हिस्से पर पड़ सकता है, लेकिन सर्वाधिक प्रभाव क्षीण स्मरण शक्ति के रूप में देखने को मिलता है।
उन्होंने कहा कि अल्झाईमर रोग डिमेंशिया का ही एक प्रकार है। डॉ. कोहली ने कहा कि भूलने की सामान्य समस्या डिमेंशिया रोग की पहली निशानी हो सकती है। उन्होंने कहा कि खान पान में एंटी आक्सीडेंट्स तत्व वाले फल शामिल करने से इस बीमारी में लाभ मिलता है।
एजवेल के संस्थापक हिमांशु रथ ने कहा कि संस्था का प्रयास वृद्धजनों की आवश्यकतओं और अधिकारों के प्रति समाज में जागरूकता लाना है।