लोकसभा चुनाव में ऐनवक्त भाजपा ने घोषणा की कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाए जाने की अपनी बात पर वह कायम है और इससे वह कभी भी पीछे नहीं हटी।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों में यहाँ हुई भाजपा की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक के समापन पर यह बेबाक घोषणा की।
यह घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि लोग भले ही कहें कि भाजपा राम मंदिर मुद्दे पर फिर से लौट आई है, लेकिन सच्चाई यह है कि हमने कभी इस मुद्दे को छोड़ा ही नहीं। उन्होंने कहा कि जब कोई उन्हें 'जय श्रीराम' कहकर अभिवादन करता है तो उनके मन में यही बात आती है कि जय श्रीराम हम तब गर्व से कह सकेंगे, जब अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बने।
इससे एक दिन पहले पार्टी अध्यक्ष राजनाथसिंह ने भी राष्ट्रीय परिषद की बैठक के अपने उद्घाटन भाषण में ललकारते हुए कहा था कोई माई का लाल भाजपा को राम मंदिर की उसकी आस्था से नहीं डिगा सकता है।
राजनाथ की इस घोषणा के बाद भाजपा के दो प्रमुख सहयोगी दलों जदयू और बीजद ने इसकी तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि इस मुद्दे का राजग से कोई सरोकार नहीं है और इस विवाद का हल केवल अदालत या आपसी बातचीत से हो सकता है।
सहयोगी दलों की इस आलोचना के बावजूद आडवाणी ने आज पुन: इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जब वे कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेताओं से यह सवाल करते हैं कि भगवान राम की जन्मभूमि पर राम मंदिर क्यों नहीं बनना चाहिए तो इसका उनके पास कोई जवाब नहीं होता।
इस विषय पर उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिए बिना आगे कहा कि आप जब तक राष्ट्रवाद के खिलाफ हीन भावना रखेंगे तब तक हमारा आपसी विवाद रहेगा। इस बयान के तुरंत बाद उन्होंने यह भी दावा किया कि जदयू, अकाली दल बीजद सहित सभी सहयोगी दल भाजपा के साथ हैं।
राम मंदिर और मोदी की वकालत करने के साथ ही आडवाणी ने मुसलमानों को आश्वासन दिया कि भाजपा उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल नहीं करेगी बल्कि उनका कल्याण करेगी।