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लव, सेक्स और धोखे की सच्ची कहानियां....

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, मंगलवार, 8 अक्टूबर 2013 (14:45 IST)
इश्क जब परवान चढ़ता है तो सपने भी नई उड़ान भरते हैं। लड़कियां अपने भविष्य को लेकर तरह-तरह के सपने बुनती हैं, लेकिन कई मामलों में उनकी लव लाइफ का अंत इ‍तना भयावह होता है कि उसकी कल्पना मात्र से ही हर कोई सिहर उठता है। जहां नैना साहनी जैसी महिला को उनके पति द्वारा हत्या कर तंदूर में झोंक दिया जाता है, तो प्यार को पाने के लिए अनुराधा से फिजा बनी एक महिला को मौत को गले लगाना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर गीतिका शर्मा जैसी लड़कियों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया जाता है। आइए देखते हैं कुछ ऐसी ही लड़कियों और महिलाओं की दास्तान...इनका कोई कसूर नहीं था, लेकिन अंत इनका काफी दर्दनाक और खौफनाक हुआ...
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पति ने ही मारकर तंदूर में झोंक दिया : जी हां, हम बात कर रहे हैं दिल्ली के या यूं कहें कि देश के बहुचर्चित हत्याकांड नैना साहनी की मौत का। वो 2 जुलाई, 1995 की मनहूस रात थी, जब नैना के पति सुशील शर्मा ने उसे गोली मारकर हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। दरअसल, सुशील को शक था उसकी पायलट पत्नी के उसके मित्र के साथ अवैध संबंध हैं। युवक कांग्रेस का नेता रहा सुशील यहीं नहीं रुका, उसने हत्या के सबूत मिटाने के लिए नैना के शव के टुकड़े किए और तंदूर में झोंक दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन 8 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया।

अगले पेज पर पढ़ें... आसमान की ऊंचाइयों से मौत के फंदे तक....


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आसमान में उड़ान की हकीकत : गीतिका शर्मा ने भी बड़े सपने देखे थे, वह भी आसमान में उड़ना चाहती थी, लेकिन हालात ऐसे बदले कि एमडीएलआर की पूर्व एयर होस्टेस गीतिका ने 4 अगस्त 2012 की देर रात अशोक विहार फेज-3 स्थित अपने फ्लैट में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी।

गीतिका शर्मा ने 12वीं पास करने के बाद एयर होस्टेस का कोर्स किया था और 18 अक्टूबर, 2006 को हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की कंपनी एमडीएलआर एयरलाइंस में बतौर ट्रेनी केबिन क्यू ज्वाइन किया। 28 अगस्त, 2008 को उसे सीनियर केबिन क्यू प्रमोट किया गया। 31 मार्च, 2009 को उसे कोआर्डिनेटर बना दिया गया। 22 मई, 2010 को गीतिका ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया।

अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने अपनी मौत के लिए कांडा और उसकी सहायक अरुणा चड्‍ढा को जिम्मेदार ठहराया था। उसकी मौत के बाद कई अन्य खुलासे भी हुए थे, जिनमें गीतिका का शारीरिक शोषण हुआ था। ऐसा भी कहा गया था कि गीतिका गर्भवती थी, उसने कई बार गर्भपात भी कराया था। गीतिका मामले का इतना असर हुआ कि बाद में उसकी मां ने भी खुदकुशी कर ली। इस मामले में फिलहाल मुकदमा चल रहा है।

प्यार के लिए धर्म बदला, लेकिन... पढ़ें अगले पेज पर...


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प्यार के लिए धर्म बदला, लेकिन...: यूं तो प्यार का कोई दीन-धर्म नहीं होता, लेकिन प्रेमी को हासिल करने के लिए अनुराधा बाली ने फिजा बनने से भी कोई गुरेज नहीं किया। ... और हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भजनलाल का बेटा और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन चांद मोहम्मद बन गया।

दोनों ने इस्लाम कबूल कर शादी कर ली, लेकिन यह शादी 40 दिन ही टिक पाई। फिजा के लिए अपने परिवार और पद को छोड़ने वाले चंद्रमोहन ने अन्तत: परिवार के ही दबाव में तलाक ले लिया। इस पीड़ा को फिजा सह नहीं पाई और अपने 41वें ‍जन्मदिन के बाद 6 अगस्त 2012 को फिजा अपने ही घर में मरी हुई पाई गई।

अगले पेज पर पढ़ें... अश्लील सीडी का 'भंवर' और मौत की कहानी....


अश्लील सीडी का 'भंवर' : यह कहानी है एक मामूली नर्स भंवरी देवी की। राजस्थान में जैसलमेर के एक सरकारी अस्पताल में नर्स के रूप में काम करने वाली भंवरी देवी संबंधों के ऐसे जाल में फंसी की, उसकी परिणति भंवरी की मौत के रूप में ही सामने आई। रेगिस्तान का यह बहुचर्चित सेक्स स्कैंडल उस समय पूरे देश की मीडिया में छाया रहा था।
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भंवरी देवी 2001 में कांग्रेस एमएलए मलखानसिंह बिश्नोई के संपर्क में आई और बाद में उसके तार राजस्थान के जल संसाधन मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज जाट नेता महीपाल मदेरणा से जुड़ गए। ऐसा कहा जाता है कि भंवरी ने मदेरणा और बिश्नोई दोनों के साथ अश्लील सीडी तैयार की और दोनों को ब्लैकमेल करती रही। एक सितंबर 2011 में भंवरी लापता हो गई। बाद में खुलासा हुआ कि भंवरी की हत्या कर दी गई है। इसमें मदेरणा और मलखानसिंह का भी नाम आया। इस मामले में मदेरणा को न सिर्फ मंत्री पद खोना पड़ा बल्कि सलाखों के पीछे भी जाना पड़ा।

आगे पढ़ें... सौतिया डाह में सहेली की हत्या...


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सौतिया डाह में सहेली की हत्या : भोपाल की समाजसेवी और आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद की 6 अगस्त 2011 को उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की सुपारी देने के आरोप में महिला आर्किटेक्ट और शेहला मसूद की दोस्त जाहिदा परवेज समेत चार लोग पुलिस हिरासत में हैं। इंदौर की सीबीआई अदालत में इनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। जाहिदा अभी इंदौर की जेल में बंद है।

सीबीआई के मुताबिक हत्या की वजह लव ट्रेंगल बना था। बताया जाता है कि राज्य के भाजपा विधायक ध्रुवनारायण सिंह से दोनों ही प्यार करती थीं। यह बात जाहिदा को पसंद नहीं आई और उसके शेहला की मौत की सुपारी दे दी। परिणाम सबके सामने है।

इश्क ने ले ली एक प्रतिभाशाली कवयित्री की जान... पढ़ें अगले पेज पर...


एक प्रतिभाशाली कवयित्री की मौत : इस बात को एक दशक से भी ज्यादा का वक्त गुजर चुका है। 9 मई 2003 को लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी में युवा कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के मुख्‍य आरोपी थे मायावती सरकार में मंत्री रहे उत्तरप्रदेश के दबंग नेता अमरमणि त्रिपाठी। यह हत्याकांड भी उस समय सुर्खियों में रहा था।

जिस समय मधुमिता की हत्या हुई थी, उस समय उसके पेट में गर्भ भी पल रहा था। डीएनए टेस्ट के मुताबिक वह बच्चा अमरमणि का ही था। सीबीआई के मुताबिक मधुमिता की हत्या अमरमणि की पत्नी मधुमणि के इशारे पर की गई थी। इस मामले में अमरमणि समेत सभी दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा दी थी।

इसका क्या कसूर था... पढ़ें अगले पेज पर...


इसका क्या कसूर था : अप्रैल, 1999 का दिन। स्थान : सोशलाइट बीना रमानी के रेस्टोरेंट। पार्टी अपने पूरे शबाब पर थी, तभी में दिल्ली में कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने जेसिका लाल नाम की युवती की गोली मारकर तब हत्या कर दी थी। गोली की आवाज के साथ ही एक पल के लिए सब हक्के-बक्के रह गए, लेकिन लोगों ने देखा कि जेसिका तड़प रही थी। ... और फिर उसकी मौत हो गई।

जेसिका का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने मनु को पार्टी के दौरान देर रात शराब देने से इन्कार कर दिया था। यह इस मामले में हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आरोपी को बरी करने के फैसले को पलट दिया था और मनु शर्मा को दोषी मानते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अप्रैल 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने भी मनु शर्मा के दोष और उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा और उसे जेल भेज दिया।

साथी बना हैवान, दुष्कर्म के बाद मार डाला... पढ़ें अगले पेज पर...


साथी बना हैवान : 23 जनवरी, 1996 को वसंत राजधानी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक फ्लैट से प्रियदर्शिनी मट्‍टू का शव बरामद किया गया। मट्‍टू दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा थी। जांच में खुलासा हुआ कि छात्रा की हत्या दिल्ली विवि के ही एक छात्र संतोष सिंह ने कर दी। जां‍च में पता चला कि हत्या से पहले मट्‍टू के साथ बलात्कार भी किया गया था।

पुलिस अधिकारी के इस बिगड़ैल बेटे को सीबीआई की विशेष अदालत ने बरी कर दिया था, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने संतोष को मौत की सजा सुनाई। 6 अक्तूबर 2010 को उच्चतम न्यायालय ने संतोष को दोषी ठहराए जाने का उच्च न्यायालय का फैसला बरकरार रखा, लेकिन उसकी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया।

इनके साथ ही और कई ऐसे मामले हैं, जिन्होंने न सिर्फ मानवता को कलंकित किया, बल्कि समाज को भी नीचे देखने पर मजबूत किया। दिल्ली का दामिनी बलात्कार कांड, आरुषि हत्याकांड, खाप पंचायतों से जुड़े मामले आदि ऐसी घटनाएं हैं, जिनसे समाज में व्याप्त बर्बरता और हैवानियत ही उजागर होती है।

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