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वामपंथी सरकार का पक्ष सुनने को राजी

मिल सकती है आईएईए से बातचीत की अनुमति

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नई दिल्ली (वार्ता) , मंगलवार, 13 नवंबर 2007 (21:43 IST)
भारत-अमेरिका परमाणु करार को लेकर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) से बातचीत शुरू करने देने के सरकार के अनुरोध पर वाम दलों के रुख में फिलहाल कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, लेकिन वे वार्ता शुरू करने की जरूरत एवं औचित्य पर सत्तारूढ़ संप्रग का पक्ष सुनने को तैयार हैं।

भाकपा महासचिव एबी बर्धन ने करार पर संप्रग वाम समिति की छठी बैठक 16 नवंबर को ही बुलाए जाने की समिति के संयोजक प्रणव मुखर्जी की घोषणा के बीच मंगलवार को यह जानकारी दी।

बर्द्धन ने कहा कि वामपंथी पार्टियों की राय में आईएईए से भारत केन्द्रित सुरक्षा एवं निगरानी उपायों पर औपचारिक वार्ता की शुरुआत करार पर अमल की दिशा में पहला कदम होगा, जबकि कांग्रेस नीत संप्रग इस राय से सहमत नहीं है।

उन्होंने कहा कि करार पर अमेरिकी हाइड एक्ट का असर, स्वतंत्र विदेश नीति तय करने के भारत के संप्रभु अधिकार पर 'करार के प्रभाव' अमेरिका के साथ सामरिक साझेदारी जैसे तमाम पहलुओं की तरह आईएईए से वार्ता की शुरुआत के मायने पर भी संप्रग एवं वाम की समझदारी अलग-अलग है और जैसे विभिन्न पहलुओं पर समिति की बैठकों में वामदलों ने संप्रग का पक्ष गौर से सुना है, वैसे ही 16 नवम्बर की बैठक में आईएईए से वार्ता के अर्थ पर भी उनकी राय सुनने को वामदल तैयार हैं। भाकपा नेता ने एक सवाल पर कहा कि अगर संप्रग का तर्क उपयुक्त हुआ तो वामपंथी पार्टियाँ इस बारे में आगे विचार कर सकती हैं।

अभी दिल्ली दूर है : केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर उपजे विवाद के बारे में भाकपा महासचिव एबी बर्धन के अनुकूल बयान का स्वागत करते हुए कहा कि इस मामले में गतिरोध दूर करने के लिए बातचीत जारी है, लेकिन 'दिल्ली अभी दूर है'।

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