विमानवाहक पोत एडमिरल गोर्शकोव नहीं खरीदने की सलाह तथा अन्य रक्षा सौदों की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि की कैग की टिप्पणी के बावजूद रक्षा विशेषज्ञों ने गोर्शकोव खरीद सौदे को वैश्विक सामरिक परिदृश्य, कूटनीतिक संबंधों, सुरक्षा जरूरतों और कीमत के लिहाज से सही करार दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ तथा पाकिस्तान में भारत के पूर्व राजदूत जी. पार्थसारथी ने कहा कि नौसेना प्रमुख ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी और मैं भी महसूस करता हूँ कि इस कीमत में दुनिया में कहीं से नया विमानवाहक नहीं खरीदा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने ऑडीटर के रूप में अपना रुख प्रकट किया है लेकिन सामरिक दृष्टि से नौसेना प्रमुख का आकलन बेहतर है। हालाँकि मैं कैग पर कोई प्रश्न नहीं खड़ा कर रहा हूँ।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विमानवाहक पोत एडमिरल गोर्शकोव की खरीद के मूल अनुबंध में इसकी कीमत 87.5 करोड़ डॉलर निर्धारित की गई थी लेकिन अब सरकार को 1.82 अरब डॉलर भुगतान करना पड़ सकता है जो किसी नए विमानवाहक की कीमत से 60 प्रतिशत अधिक है।
दूसरी ओर कीमत को लेकर सरकार की आलोचना किए जाने के बाद नौसेना प्रमुख एडमिरल सुरीश मेहता ने सौदे की हिमायत करते हुए सरकार द्वारा किए गए भुगतान को जायज बताया।
मेहता ने कहा था कि मैं कैग पर टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन आप सभी रक्षा विश्लेषक हैं। क्या आप मुझे दो अरब डॉलर से कम में विमान वाहक पोत खरीदकर दे सकते हैं, अगर हाँ तो मैं आपको अभी चेक देने के लिए तैयार हूँ।