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समुद्री रेत से बन सकती है परमाणु ऊर्जा

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नई दिल्ली , गुरुवार, 26 नवंबर 2009 (14:42 IST)
उड़ीसा सरकार वेदांत नाम की एक व्यापारिक कंपनी द्वारा संचालित श्री विश्वविद्यालय को श्रीजगन्नाथ पुरी के निकट समुद्र के किनारे 6000 एकड़ भूमि आवंटित कर रही है। इसकी समुद्री बालू के अंदर ऐसे पदार्थ हैं, जिससे परमाणु ऊर्जा निकल सकती है।

भाजपा के रूद्र नारायण पाणि द्वारा पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राजयसभा को बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग के परमाणु खनिज अन्वेषण तथा अनुसंधान निदेशालय (एएमडी) ने उड़ीसा में मोनाजाइट स्त्रोत युक्त 18.2 लाख मीटरी टन थोरियम का पता लगाया है।

उन्होंने बताया कि थोरियम एक उर्वर मूल तत्व है और इसे भारत के परमाणु विद्युत कार्यक्रम के तीसरे चरण में परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए विखण्डय मूल तत्व के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। (भाषा)

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