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सुरक्षाकर्मियों को 'सिंघम बहादुरी पुरस्कार'

हमें फॉलो करें सुरक्षाकर्मियों को 'सिंघम बहादुरी पुरस्कार'
नई दिल्ली , शनिवार, 20 अक्टूबर 2012 (18:51 IST)
मध्यप्रदेश में अवैध खनन माफिया द्वारा कुचलकर मार दिए गए आईपीएस अधिकारी तथा माओवादियों एवं असामाजिक तत्वों से लड़ते हुए शहीद हुए अन्य सुरक्षाकर्मियों को शनिवार को मरणोपरांत 'सिंघम बहादुरी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।

इन पुलिस अधिकारियों के परिवारों के सदस्यों को फिल्म 'सिंघम' के नायक अजय देवगन, अभिनेता सुनील शेट्टी तथा सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक के विजय कुमार ने ये पुरस्कार प्रदान किए। एमएस बिट्टा की अगुवाई वाले अखिल भारतीय आतंकवाद निरोधक मोर्चा ने ये पुरस्कार शुरू किए हैं।

वर्ष 2009 के बैच के आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार आठ मार्च को मध्यप्रदेश के चंबल जिले में जब निरीक्षण पर थे, तब अवैध खनन माफिया की पत्थरों से लदी एक ट्रैक्टर ट्रॉली ने उन्हें कुचलकर मार डाला था।

सिंघम बहादुरी पुरस्कार ग्रहण करते हुए कुमार की विधवा आईएएस अधिकारी मधुरानी तेवतिया ने कहा कि उनके पति एक प्रतिबद्ध पुलिस अधिकारी थे और विजय कुमार जैसी हस्तियों से प्रभावित थे। पति की याद में भावुक हुईं तेवतिया ने उनके द्वारा लिखी गई कविताओं का पाठ भी किया।

मधुरानी ने कहा, वे कागजों पर कुछ-कुछ लिखा करते थे और फिर कागज फेंक देते थे। मैंने उन्हें इकट्ठा किया और आज मैं उनका पाठ करने जा रही हूं। आतंकवादी हमले का सामना कर चुके बिट्टा ने सभी से राष्ट्र की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध होने की भावुक अपील की और युवकों से देवगन एवं कुमार जैसे लोगों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

कुमार ने कहा कि भारत को आंतरिक सुरक्षा ढांचा मजबूत करने के लिए और कुछ करना चाहिए तथा उन्होंने इस सिलसिले में चीन का हवाला दिया। पूर्व सीआरपीएफ प्रमुख ने कहा कि अब सरकार आंतरिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने लगी है।

इस अवसर पर देवगन एवं शेट्टी को 'राष्ट्र के गौरव' सम्मान से सम्मानित किया गया। दोनों ने बहादुर पुलिस अधिकारियों के बलिदान को नमन किया और ऐसे लोगों को सम्मानित करने वाली किसी भी पहल में सहयोग करने का वादा किया।

नरेंद्र कुमार के अलावा सुरिंदर सिंह, नरिंदर सिंह, रणजीत सिंह, प्रकाश एस मीणा, केसी मीणा, तनवीर सिंह और संजीव कुमार को 'सिंघम बहादुरी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। सीआरपीएफ के जवान कन्हैया सिंह और विष्णु पांडे को भी मरणोपरांत यह पुरस्कार प्रदान किया गया। (भाषा)

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