नई दिल्ली। करोड़ों रुपए के एनआरएचएम घोटाले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे बसपा के पूर्व नेता बाबू सिंह कुशवाहा को शामिल करने को लेकर भाजपा में बवंडर और तेज हो गया है और पार्टी के कुछ और नेताओं ने इस फैसले पर विरोध के स्वर तेज कर दिए हैं।
उत्तरप्रदेश के आंवला से भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने के फैसले की आलोचना की है। इससे पहले योगी आदित्यनाथ और कीर्ति आजाद ने भी पार्टी के कदम की खुलकर निंदा की थी।
मेनका ने कहा कि बसपा द्वारा निकाले गए लोगों को पार्टी में लेना सही नहीं लगता। उन्हें शामिल करने से पहले किसी से नहीं पूछा गया। ऐसे नेता मंत्री के रूप में अवैध लाभ उठाते हैं और कोई काम नहीं करते।
खबरें हैं कि पार्टी की तेज तर्रार नेता उमा भारती भी कुशवाहा को शामिल करने के निर्णय से खुश नहीं हैं। हालांकि उन्होंने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में वह मीडिया से बातचीत नहीं करतीं और वह केवल पार्टी के समक्ष अपनी राय रखेंगी।
उमा भारती इस बात से भी नाराज लगती हैं कि उनके उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिए जा रहे हैं। कुशवाहा के अलावा वह बादशाह सिंह को पार्टी में शामिल करने के फैसले से भी खुश नहीं हैं। 2002 के उत्तरप्रदेश चुनाव में सिंह का उमा भारती से तनाव रहा था। (भाषा)