sawan somwar

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

डीएनए फिंगर प्रिंटिंग से होगी बाघों की गणना

Advertiesment
हमें फॉलो करें बाघ
बैंगलुरु , मंगलवार, 2 मार्च 2010 (14:01 IST)
प्रदेश में बाघों की पिछली गणना के विश्लेषण के साथ बाघों की गणना के लिए डीएनए फिंगर प्रिंटिंग तकनीक के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है।

सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ स्टडीज (सीडब्ल्यूएस) के निदेशक के उल्लास कारंथ ने कहा हम बाघों के पंजों के डीएनए फिंगरप्रिंट से प्रत्येक बाघ की संख्या की गणना करने जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि डीएनए विश्लेषण की यह प्रक्रिया पिछले साल बांदीपुर नेशनल पार्क में भी अपनाई गई थी, जिसके बाद अब इसे आने वाले महीनों में दूसरे स्थानों पर भी किया जाना है। इसके लिए नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस) अग्रणी संस्थान है।

कारंथ ने कहा कि वर्तमान में बाघों की गणना स्वचालित कैमरों से की जाती है, जिसमें कई बार अनुमान भी लगाना पड़ता है।

उन्होंने बताया कि चयनित इलाकों पर कैमरा लगाए जाते हैं, ताकि उस इलाके में बाघों का घनत्व निकाला जा सके।

कारंथ ने कहा कि कैमरा तकनीक का उपयोग प्राथमिक तौर पर उस इलाके में बाघों की मौजूदगी की जांच के लिए किया जाता है, न कि उनकी संख्या ज्ञात करने के लिए।

कारंथ ने कहा कैमरा से बाघों की गणना करने में जिन स्थानों पर परेशानी आती है और जहाँ बाघों का घनत्व कम होता है, वहाँ हम डीएनए फिंगर प्रिंटिंग को प्राथमिकता दे रहे हैं।

प्रदेश में बाघों की पिछली गणना 22 से 27 जनवरी के बीच की गई थी, जिसमें सभी वन प्रदेशों से डाटा एकत्रित किया गया था।

मुख्य वन्यप्राणी संरक्षक बीके सिंह ने बताया डाटा एकत्रित करने के दौरान प्रत्येक बीट के लिए एक दल गठित किया गया था। प्रदेश में 2,819 बीट हैं। इस डाटा को बाद में प्रदेश स्तर पर एकत्रित करके भारतीय वन्यप्राणी संस्थान (डब्ल्यूआईआई) को भेजा गया। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi