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मोनिका का चयन सर्वसम्मत नहीं था

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नई दिल्ली (भाषा) , शुक्रवार, 18 जुलाई 2008 (20:53 IST)
मोनिका देवी को 15 जुलाई को हुए ट्रायल में बीजिंग ओलिम्पिक के लिए सर्वसम्मति से चुने जाने के भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) के अध्यक्ष के दावे के विपरीत चयन पैनल के अध्यक्ष ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया था।

अप्रैल-मई में जापान में एशियाई चैम्पियनशिप में एक रजत और दो काँस्य जीतकर भारत के लिए एकमात्र स्थान अर्जित करने वाली मोनिका (69 किग्रा) को बेंगलुरु में पुनः ट्रायल में शैलजा पुजारी पर तरजीह देते हुए चुना गया था और आईडब्ल्यूएफ अध्यक्ष हरभजनसिंह ने कहा था कि यह सर्वसम्मत फैसला था।

हरभजन ने कहा मोनिका को ओलिम्पिक के लिए चयन समिति ने सर्वसम्मति से चुना। मैं खुश हूँ कि ट्रायल्स के दौरान सब कुछ ठीक रहा, लेकिन अब पता चला है कि तीन सदस्यीय चयन समिति के अध्यक्ष बेदाती वेंकटरमैया ने शैलजा का पक्ष लिया था और उनके विरोध को आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।

आईडब्ल्यूएफ उपाध्यक्ष वेंकटरमैया ने कहा ट्रायल के दिन के प्रदर्शन और विश्व रैकिंग शैलजा नौवीं मोनिका 15वीं को नजरअंदाज किया गया। इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ भारोत्तोलन के चयन में पिछली विश्व चैम्पियनशिप के नतीजों (जहाँ शैलजा सातवें और मोनिका 11वें स्थान पर रही थीं) के अलावा सिंक्लेयर फार्मूले (जिसे अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ की स्वीकृति मिली हुई है) की भी अनदेखी की गई।

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