पूर्व ओलिम्पियन सहित प्रमुख भारोत्तोलकों ने बीजिंग ओलम्पिक के लिए मोनिका देवी के साथ राष्ट्रीय कोच के तौर पर डोपिंग के दागी देवदत्त शर्मा के चयन की आलोचना की है।
शर्मा इससे पहले एडविन राजू और जी. दामोदरन से जुड़े डोपिंग विवाद में शामिल थे। बीजिंग एशियाई खेल 1990 की रजत पदक विजेता ज्योत्सना मुखर्जी ने दावा किया कि शर्मा कोच पद के लायक नहीं थे और उन्होंने अपने राजनीतिक संपर्कों का इस्तेमाल कर बीजिंग का टिकट पक्का किया।
उन्होंने कहा देश में कोई भी शर्मा को नहीं जानता। उन्होंने 2006-07 में एनआईएस पटियाला से कोर्स किया। भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने फिर से हमें नजरअंदाज किया।
मुखर्जी ने कहा हमारे पास तारासिंह, अनिल मंडल और एलके दास जैसे कई अनुभवी खिलाड़ी हैं, जो ओलिम्पियन में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इनको नजरअंदाज कर ऐसे व्यक्ति को कोच क्यों बनाया गया, जो डोपिंग विवाद से जुड़ा रहा हो।
पूर्व कोच एससी गोयल ने कहा शर्मा अभी नए हैं और उनमें उच्चस्तर पर कोचिंग देने की क्षमता नहीं है। असल में वे मेरे शिष्य रहे हैं और हाल में इस क्षेत्र में आया है, हमें क्यों नजरअंदाज किया गया।
इस बारे में शर्मा ने कहा मुझे यह साबित नहीं करना है कि मैं काबिल हूँ या नहीं। मेरा रिकॉर्ड देख लीजिए, उसी से सब पता चल जाएगा।