भड़काऊ भाषण देने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मामले में बिहार के औरंगाबाद जिले की एक स्थानीय अदालत ने पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधारसिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
अभियोजन सूत्रों ने बताया कि पूर्व सहकारिता मंत्री की जमानत अर्जी प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) अशुतोष खेतान ने खारिज कर दी। अदालत में आत्मसमर्पण के बाद सिंह ने जमानत अर्जी दी थी जिसे अस्वीकार कर दिया गया। सिंह को जेल जाना पड़ सकता है।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा के वरिष्ठ विधायक सिंह को राम मंदिर मुद्दे पर भडकाऊ भाषण देने के 19 साल पुराने मामले में एक स्थानीय अदालत ने 1995 से फरार घोषित कर दिया था।
बीते दिनों यह मामला सुखिर्यों में आने के बाद रामाधार सिंह ने नीतीश सरकार में सहकारिता मंत्री के पद से 18 मई की रात को इस्तीफा दे दिया था जिसे अगले दिन राज्यपाल ने मंजूर कर लिया था।
इससे पहले पटना उच्च न्यायालय ने सिंह की जमानत याचिका खारिज कर उन्हें स्थानीय अदालत के समक्ष अपील करने को कहा था। (भाषा)