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रामचरित मानस से जुड़ा विवाद गहराया

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हमें फॉलो करें गोस्वामी तुलसीदास
अयोध्या (भाषा) , मंगलवार, 3 नवंबर 2009 (17:09 IST)
गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरित मानस में निकाली गई अशुद्धियों के चलते उपजे विवाद के बाद चित्रकूट के जगतगुरु रामभद्राचार्य संत समाज से अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं।

अयोध्या के भगवताचार्य स्मारक सदन में हुई संतों और धर्माचार्यों की बैठक में जगतगुरु रामभद्राचार्य के खिलाफ संतों का गुस्सा चरम पर दिखा। बैठक में रामभद्राचार्य को आठ नवंबर तक क्षमा माँगने का समय दिया गया है। दूसरी ओर रामभद्राचार्य पक्ष की ओर से नरमी के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।

अखिल भारतीय षड्दर्शन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास का कहना है कि रामनगरी के संतों के निर्णय के अनुसार यदि आठ नवंबर तक रामभद्राचार्य की ओर से कोई माफीनामा नहीं आता है, तो 10 नवंबर को प्रस्तावित अखाड़ा परिषद की बैठक में उन्हें जगतगुरु पद से हटाने करने के संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा।

मामले में सुलझाने के लिए रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्यगोपाल को अधिकृत किया गया था लेकिन उनकी रामभद्राचार्य से अभी तक कोई बात नहीं हो सकी है।

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