Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(स्वतंत्रता दिवस)
  • तिथि- भाद्रपद कृष्ण सप्तमी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
  • जयंती/त्योहार/व्रत/मुहूर्त-स्वतंत्रता दिवस, योगी अरविंद जयंती
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia

गुप्तिधाम तीर्थक्षेत्र में प्रतिष्ठा महोत्सव की धूम

अहिंसा से होगा समाज का कल्याण

Advertiesment
हमें फॉलो करें गुप्तिधाम तीर्थक्षेत्र
ND

राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गन्नौर में स्थापित हो रहे गुप्तिधाम तीर्थक्षेत्र में चल रहे 11 दिवसीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महामस्तकाभिषेक महोत्सव की धूम छाई हुई है। इस अवसर पर आयोजित गर्भकल्याणक धार्मिक अनुष्ठान पर हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया मुख्य अतिथि थे।

इस अवसर जैन संप्रदाय के महान संतश्री गुप्तिसागरजी महाराज ने कहा कि उनका प्रमुख लक्ष्य मानव जाति के कल्याण तथा राष्ट्र के उन्नयन के लिए सद्कर्म करना है। पंचकल्याणक धार्मिक अनुष्ठान में जगन्नाथ पहाड़िया की धर्मपत्नी व लेडी गवर्नर शांति पहाड़िया और उनकी सुपुत्री सुनीता पहाड़िया भी शरीक हुईं।

इस मौके पर राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया ने कहा कि जैन धर्म के मूल आधार सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य व अस्तेय से ही समाज का कल्याण हो सकता है। धर्म व संस्कृति के विशेषज्ञों के मतानुसार भगवान महावीर कोई चिकित्सक नहीं थे, अर्थशास्त्री नहीं थे, लेकिन उन्होंने चिकित्सा-शास्त्र व अर्थशास्त्र में सार्थक एवं मौलिक हस्तक्षेप किया।

ND
वे दार्शनिक नहीं थे पर गीता की उनकी अपनी व्याख्या है। समाजशास्त्री नहीं थे, लेकिन स्त्री कल्याण, दरिद्र उद्धार को उन्होंने अपनी निजी मौलिक योजनाओं के अनुसार प्रस्तुत किया।

वहीं कार्यक्रम के अध्यक्ष व हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने कहा कि श्री गुप्तिसागरजी महाराज द्वारा गन्नौर में स्थापित किया जा रहा यह गुप्तिसागर धाम न केवल जैन धर्म के श्रेष्ठ दर्शन का केंद्र होगा, अपितु स्थापत्य कला का भी बेजोड़ नमूना होगा। इस अवसर पर जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे इस बारे में सरकार से वकालत करेंगे।

पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के संयोजक तथा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायधीश, न्यायमूर्ति वी.के. जैन ने कहा कि 12 वर्ष पूर्व गन्नौर में गुप्तिसागर धाम स्थापित करने की जो कल्पना श्री गुप्तिसागरजी महाराज ने की थी, वह अब मूर्त रूप लेने लगी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi