हरतालिका तीज पर मन में ईश्वर के प्रति अगाध आस्था और पति की लंबी आयु की कामना में भक्ति गंगा प्रवाहित होती रहेंगी। निर्जला उपवास रख महिलाओं व युवतियों द्वारा भगवान शिव की उपासना की जाएगी। हरतालिका तीज का व्रत कर रात भर जागरण करने के साथ भजन-कीर्तन का सिलसिला भी जारी रहेगा।
हरतालिका तीज पर सुबह से रात तक महिलाओं द्वारा शिवजी की आराधना का सिलसिला जारी रहेगा। इस दौरान कोई सुबह जल्दी शिवजी की पूजा करेंगी तो कोई रात भर जाग कर पूजा-अर्चना कर भोलेशंकर की आराधना करेंगी।
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हरतालिका तीज पर महिलाओं व युवतियों द्वारा निर्जला उपवास रख पति की लंबी आयु की कामना की वहीं युवतियां भोलेशंकर जैसा वर पाने के लिए व्रत-उपवास रखेंगी। मान्यता है कि हरतालिका तीज का उपवास करने से महिलाओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
इस दिन महिलाएं बालू रेती से शिवलिंग, पार्वती स्थापित करके कुंकु, चंदन, हल्दी, मेहंदी, वस्त्र, अक्षत, फूल, पत्री आदि पूजन सामग्री से शिव-पार्वती का पूजन करेंगी।
धूप-दीप व नैवेद्य आदि समर्पित कर शिवजी को प्रसन्न करेंगी तथा हरतालिका तीज की कथा सुनने के साथ-साथ पार्वतीजी द्वारा शिवजी जैसा वर पाने के लिए की गई जंगल में कठिन तपस्या को जानेंगी। रात भर जागरण व भजन-कीर्तन के साथ ही अलसुबह पूजन सामग्री को नदी में विसर्जित किया जाएगा।