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इगतपुरी की घाटण देवी

-अभिनय कुलकर्णी

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हमें फॉलो करें माँ दुर्गा देवी
धर्मयात्रा की इस बार की कड़ी में हम आपको ले चलते हैं घाटण देवी के मंदिर। यह नासिक से मुम्बई जाते समय रास्ते में इगतपुरी नामक एक छोटे से गाँव की सुरम्य घाटियों के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित है। मुम्बई-आगरा मार्ग से लगा हुआ यह गाँव समुद्र तल से 1900 फीट ऊपर है। मुम्बई का रेलवे स्टेशन यहाँ का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है।

वीडियो देखने के लिए ऊपर के फोटो के बीच क्लिक करें और फोटो गैलरी देखने के लिए यहाँ क्लिक करें-

इगतपुरी की सुंदरता अभी भी शहरीकरण से अछूती है। यहाँ सूर्योदय सुहाना नजर आता है, जब आकाश स्वर्ण, नारंगी और पीले रंग की आभा लिए होता है। यहाँ की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है।

खंडाला जैसे हिल स्टेशनों की तरह इस क्षेत्र का भी महत्व है। यह जगह पर्यटन के लिहाज से भी खासी चर्चित है। इगतपुरी दो चीजों के लिए प्रसिद्ध है- घाटण देवी का मंदिर और सत्यनारायण गोयनका द्वारा स्थापित योगचरित्र व विपश्यना केंद्र।

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इगतपुरी के इस मंदिर को घाटण देवी का मंदिर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इगतपुरी गाँव चारों ओर से घाटों से घिरा हुआ है। ऊँट घाटी में बस द्वारा आगे चलने पर आधा किलोमीटर दूर दाएँ हाथ की ओर छोटी-सी सड़क के पार ही घाटण देवी का मंदिर है। मंदिर के पीछे स्थित है त्रिंगलवाड़ी का किला। किले से सटे हुए ही हरिहर, दुर्वर, उतवड व त्र्यंबक के पहाड़ हैं।

इगतपुरी में घाटण देवी का मंदिर एक दर्शनीय स्थान है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का नामकरण स्थानीय लोगों द्वारा अपनी आराधक घाटण देवी (घाटों की रक्षक) के कारण किया है। मंदिर से इन विशालकाय पश्चिमी घाटों का नजारा अद्‍भुत दिखाई देता है।

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दुर्गा के नौ अवतारों में इगतपुरी की घाटण देवी माँ शैलपुत्री का अवतार मानी जाती हैं। दुर्गा सप्तशती और पुराणों में इसका उल्लेख मिलता है। कथा है कि घाटण देवी वृजेश्वरी से पुणे के निकट स्थित ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर जा रही थीं और जब वे इगतपुरी पर आईं तो यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता पर मोहित हो गईं। इसके सौंदर्य को देख उन्होंने यहाँ हमेशा के लिए रहने का ‍निश्चय किया। ऐसा ‍भी कहा जाता है कि शिवाजी जब कल्याण को लूटने के बाद उनकी राजधानी रायगढ़ लौट रहे थे तब उन्होंने भी इस स्थान का दौरा किया था।

इगतपुरी की इस खूबसूरत घाटी में स्थित इस सुंदर मंदिर के शांत और सुरम्य वातावरण में पहुँचकर निश्चित रूप से किसी को भी देवत्व में विश्वास जाग सकता है। धर्मयात्रा की कड़ी में इस बार की यात्रा आपको कैसी लगी, हमें जरूर बताएँ।

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कैसे पहुँचें?
वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मुंबई है, जो इगतपुरी से लगभग 140 किमी दूर है। मुंबई (बॉम्बे) भारत में सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ से इगतपुरी जाने के लिए बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग: इगतपुरी रेलवे स्टेशन मुंबई के वीटी स्टेशन से जुड़ा है। प्रमुख रेलवे स्टेशन कसारा है, जो कई शहरों के लिए रेल लिंक के माध्यम से जुड़ा हुआ है। कसारा से इगतपुरी जाने के लिए हर घंटे टैक्सी उपलब्ध है।
सड़क मार्ग: महाराष्ट्र सड़क परिवहन निगम की बसें मुंबई, नासिक और कसारा से मिलती हैं। पर्यटक बसें भी उपलब्ध हैं।

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