दुर्गा के नौ अवतारों में इगतपुरी की घाटण देवी माँ शैलपुत्री का अवतार मानी जाती हैं। दुर्गा सप्तशती और पुराणों में इसका उल्लेख मिलता है। कथा है कि घाटण देवी वृजेश्वरी से पुणे के निकट स्थित ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर जा रही थीं और जब वे इगतपुरी पर आईं तो यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता पर मोहित हो गईं। इसके सौंदर्य को देख उन्होंने यहाँ हमेशा के लिए रहने का निश्चय किया। ऐसा भी कहा जाता है कि शिवाजी जब कल्याण को लूटने के बाद उनकी राजधानी रायगढ़ लौट रहे थे तब उन्होंने भी इस स्थान का दौरा किया था।इगतपुरी की इस खूबसूरत घाटी में स्थित इस सुंदर मंदिर के शांत और सुरम्य वातावरण में पहुँचकर निश्चित रूप से किसी को भी देवत्व में विश्वास जाग सकता है। धर्मयात्रा की कड़ी में इस बार की यात्रा आपको कैसी लगी, हमें जरूर बताएँ।
कैसे पहुँचें?
वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मुंबई है, जो इगतपुरी से लगभग 140 किमी दूर है। मुंबई (बॉम्बे) भारत में सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ से इगतपुरी जाने के लिए बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग: इगतपुरी रेलवे स्टेशन मुंबई के वीटी स्टेशन से जुड़ा है। प्रमुख रेलवे स्टेशन कसारा है, जो कई शहरों के लिए रेल लिंक के माध्यम से जुड़ा हुआ है। कसारा से इगतपुरी जाने के लिए हर घंटे टैक्सी उपलब्ध है।
सड़क मार्ग: महाराष्ट्र सड़क परिवहन निगम की बसें मुंबई, नासिक और कसारा से मिलती हैं। पर्यटक बसें भी उपलब्ध हैं।