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शेयर बाजार में सब कुछ नेगेटिव नहीं

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-कमल शर्मा
भारतीय शेयर बाजार जिस मंदी की मार झेल रहे हैं वह खतरा अभी पूरी तरह खत्‍म नहीं हुआ है। अमेरिकी फैड रिजर्व ने आनन-फानन में ब्‍याज दरों में कटौती कर शेयर बाजार को बुरी तरह टूटने से थामने की कोशिश जरूर की लेकिन सबप्राइम के नतीजों पर इससे वास्‍तव में ब्रेक नहीं लगाया जा सकता।

भारतीय रिजर्व बैंक की इस सप्‍ताह मौद्रिक नीति पर बैठक होने जा रही है और उम्‍मीद है कि 25 बेसिक अंक की ब्‍याज दर में कमी की जा सकती है। यह कमी होती है तो भारतीय शेयर बाजार के लिए यह एक अच्‍छी खबर होगी।

भारतीय शेयर बाजार में बीते सप्‍ताह जो मंदी के झटके लगे, उसके बारे में हमने दिसंबर में ही कह दिया था कि विदेशी संस्‍थागत निवेशक अब पहले से अधिक समझदार है और जो निवेशक यह मानते हैं कि जनवरी में नया पैसा लाकर विदेशी निवेशक हमसे महँगे स्‍टॉक खरीद लेंगे, गलत साबित होंगे और बाजार जनवरी को दूसरे सप्‍ताह में ढेर हो जाएगा।

शेयर बाजार की मौजूदा मंदी अमेरिका में सबप्राइम का असली नतीजा है। इससे यह तो साफ है कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में घटने वाली हर घटना का हमारे शेयर बाजार पर असर जरूर पड़ेगा। यही वजह रही कि 21 और 22 जनवरी की गिरावट ने निवेशकों के दस लाख करोड़ रुपए साफ कर दिए।

हालाँकि बाद में आए सुधार ने निवेशकों को थोड़ी राहत दी। भारतीय शेयर बाजार में तेजी का यह आठवाँ साल है और इस साल अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों में घटने वाली घटनाओं का हमारे बाजार पर खासा असर पड़ेगा। हालाँकि जो निवेशक मध्‍यम से लंबी अवधि के लिए यहाँ पैसा लगा रहे हैं उन्‍हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है। निवेशकों को याद होगा कि मई-जून 2006 में सेंसेक्‍स 30 फीसदी यानी 3300 अंक टूट गया था और उसके बाद अब तक सेंसेक्‍स 12 हजार अंक बढ़ गया।

केआर चौकसी सिक्‍यूरिटीज के देवेन चौकसी कहते हैं- कंसोलिडेशन के तहत सेंसेक्‍स 18830-19630 के बीच रहेगा, लेकिन इससे ऊपर जाने पर यह 20500-21200 अंक पर होगा। वे एक अहम बात कहते हैं कि सरकार को तीन लाख करोड़ रुपए का अग्रिम कर मिलने का मतलब है इसे आने वाली आय में परिवर्तित किया जाए तो यह नौ लाख करोड़ रुपए से ज्‍यादा बैठती है।

यह नतीजा बताता है कि परियोजनाओं और निवेश बाजार में खासी रकम आ रही है। हम निफ्टी और सेंसेक्‍स शेयरों में 20 फीसदी की बढ़ोतरी देख सकते हैं। इस स्थिति में बाजार में आई हर गिरावट खरीद का मौका देती है।

आज से शुरू हो रहे नए सप्‍ताह में बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स 18931 अंक को पार करता है तो यह 19378 अंक तक जा सकता है। इसे नीचे में 17828 अंक पर स्‍पोर्ट मिलने की संभावना है। निफ्टी को 5222 अंक पर स्‍पोर्ट मिलने के आसार हैं। निफ्टी 5546 अंक पार करने पर 5691 अंक तक जा सकता है।

कोटक एएससी के अलरॉय लोबो का कहना है कि शेयर बाजार में करेक्‍शन अभी खत्‍म नहीं हुआ है। बीएसई सेंसेक्‍स को स्‍पोर्ट 18 हजार के आसपास मिलेगा। जबकि, एम्बिट कैपिटल के निलेश शाह का कहना है कि यह शॉर्ट टर्म गिरावट है। भारतीय बाजार 21 हजार पर कुछ एक्‍सपेंसिव लग रहा था 18 हजार पर यह निवेश के लिए आकर्षक है।

इस सप्‍ताह कुछ कंपनियाँ बोनस, शेयर विभाजन और लाभांश घोषित करेंगी। इनमें राजेश एक्‍सपोर्ट, एशियन फिल्‍म, सेसा गोवा, आर्टसन इंजीनियरिंग, फाइनेंशियल, गुजरात फ्लोरो और ओरिएंट पेपर मुख्‍य हैं।

जिन कंपनियों के शेयरों पर इस सप्‍ताह निवेशक ध्‍यान दे सकते हैं वे हैं- केसीपी, डब्‍लूएस इंडस्‍ट्रीज, इंटरनेशनल कॉब्‍युजन, रिलायंस कम्‍युनिकेशन, एनटीपीसी, केएस ऑइल, जीई शिपिंग, वरुण शिपिंग, एशियन होटल्‍स, कंटेनर कार्पोरेशन, सारेगामा इंडिया और टीटीके प्रेस्‍टीज।

*यह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।

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