सेबी ने बुधवार को इंडियाबुल्स सिक्योरिटीज को आईपीओ में खुदरा निवेशकों के शेयरों पर कब्जा करने के आरोप से बरी कर दिया और ब्रोकरेज कंपनी खिलाफ शुरू की गई जाँच बंद कर दी।
सेबी के एस. बीजू ने कहा इंडियाबुल्स सिक्योरिटीज लिमिटेड के खिलाफ चल रही मौजूदा निर्णय प्रक्रिया समाप्त की जाती है।
हालाँकि सेबी ने पिछले साल 2003-05 के बीच लांच एक आईपीओ घोटाले के खुलासे के बाद जाँच पूरी होने तक इंडियाबुल्स के बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
सेबी ने इंडियाबुल्स द्वारा 21 कंपनियों के आपीओ सौदों की जाँच की थी जिनमें अमर रेमेडीज, डेटामेटिक्स टेक्नोलॉजीज, डिशमैन फार्मा एंड केमिकल्स, आईएलएफएस इन्वेस्टमेंट, गोकुलदास एक्सपोर्ट, इंद्रप्रस्थ गैस इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस, जेट एयरवेज और एनटीपीसी शामिल हैं।
नियामक ने अपने एक बयान में कहा कि अन्य कंपनियाँ जिनके आईपीओ को जाँच की गई उनमें पटनी कंप्यूटर, सुजलान एनर्जी, टीवी टुडे नेटवर्क, टीसीएस और येस बैंक शामिल हैं।
सेबी ने पाया कि कुछ इकाइयों ने उक्त कंपनियों के शेयर काल्पनिक आवेदनों के जरिए उन शेयरों पर कब्जा किया जो खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित थे।
सेबी ने कहा जाँच के बाद यह पाया गया कि इंडियाबुल्स ने सेबी कानून का उल्लंघन निश्चित रूप से किया। नियामक ने कहा कि इंडियाबुल्स ने टीसीएस लिमिटेड के 13939 शेयर 559 खातों के जरिये प्राप्त किए थे।