Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

शाही अंदाज में विदा हुए दादा और जंबो

हमें फॉलो करें शाही अंदाज में विदा हुए दादा और जंबो
भारतीय क्रिकेट को विश्व विजेताओं वाले तेवर देने में शिल्पकार की भूमिका निभाने वाले सौरव गांगुली और फिरकी के जादूगर अनिल कुंबले ने सोमवार को क्रिकेट को अलविदा कहा तो विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त देने के साथ।

लॉर्ड्‍स के मैदान पर 1996 में अपने पहले ही टेस्ट में लगातार दो शतक जमाकर टेस्ट क्रिकेट में कदम रखने वाले गांगुली ने 12 बरस के टेस्ट करियर में भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को नए सपने दिखाए और टीम के भीतर उन सपनों को पूरा करने का जज्बा भरा।

गांगुली आज जब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के साथ टीम फोटो खिंचवाने के लिए आए तो उनके चेहरे पर सुकून और दु:ख के मिले-जुले भाव थे। पिछले लगभग दो दशक से अपने आक्रामक तेवरों के कारण मैदान का माहौल जीवंत रखने वाले 'दादा' को करोड़ों क्रिकेटप्रेमियों के साथ लॉर्ड्‍स की वह बालकनी भी हमेशा याद रखेगी, जहाँ कभी उन्होंने जीत की खुशी में कमीज उतारकर घुमाई थी।

धोनी ने चौथे टेस्ट के आखिरी क्षणों में दादा को कमान सौंपकर सम्मान का इजहार किया तो जीत के बाद वीवीएस लक्ष्मण और हरभजनसिंह उन्हें कंधों पर बिठाकर मैदान से ले गए। राहुल द्रविड़ सचिन तेंदुलकर और लक्ष्मण जैसे अपने साथियों से गले लगते समय गांगुली भावुक हुए तो इन खिलाड़ियों के भी जज्बात छिप नहीं सके।

दूसरी ओर दिल्ली में तीसरे टेस्ट के बाद क्रिकेट को अलविदा कह चुके कुंबले खास तौर पर अपनी टीम की हौसलाअफजाई के लिए यहाँ मौजूद थे। जीत के बाद वह मैदान पर आये और हर खिलाड़ी को गले लगकर बधाई दी।

धोनी ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी लेते समय कुंबले को आमंत्रित किया और मिलकर विजेता की ट्रॉफी थामी। बाद में टीम के पास कुंबले ही यह ट्रॉफी लेकर गए।

खिलाड़ियों ने इसके बाद 'मैन ऑफ द सिरीज' के तौर ईशांत शर्मा को मिली कोरोलो एल्टिस में सवारी की जिसमें कैमरों की निगाह गांगुली पर ही टिकी थी जो हाथ हिलाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi