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अखिल को नहीं मिली पदोन्नति

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एक तरफ जहाँ खेलमंत्री एम.एस. गिल ने महिला मुक्केबाजों को बढ़िया ट्रेनिंग सुविधाएँ मुहैया कराने की उम्मीद दिलाई, वहीं बीजिंग ओलिम्पिक के क्वार्टर फाइनल तक पहुँचे पुरुष मुक्केबाज अखिल कुमार को रेलवे और हरियाणा सरकार से मिले वादों के पूरे होने का इंतजार है।

अखिल अभी रेलवे खेल प्रोमोशन बोर्ड में द्वितीय ग्रेड के कर्मचारी हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर देश को गौरवान्वित करने और शानदार प्रदर्शन से तीन बार उनकी पदोन्नति की बात हुई है, लेकिन अभी तक वह अपने इसी पद पर बरकरार हैं।

रेलवे मंत्री लालूप्रसाद यादव ने यकीन दिलाया था कि बीजिंग ओलिम्पिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले मुक्केबाजों की सहायक प्रबंधक (वाणिज्य) पर पदोन्नति की जाएगी लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया गया।

वहीं हरियाणा सरकार के मुंख्यमंत्री भूपिंदरसिंह हुड्डा ने भी ओलिम्पिक में काँस्य पदक जीतने वाले विजेंदर कुमार तथा क्वार्टर फाइनल में हारने वाले अखिल और जितेंदर को अगस्त में उप-पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) बनाने की पेशकश की थी किन्तु इस बारे में भी उनसे कोई बातचीत नहीं की गई।

अब वह चार दिवसीय मुक्केबाजी विश्व कप प्रतियोगिता में भाग लेने को तैयार हैं और आ तड़के वह रूस के लिए रवाना हो गए।

सितंबर में जब पदोन्नति का मुद्दा उठाया गया तो रेलवे राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी अखिल को अपनी टीम में बनाए रखने का इच्छुक था लेकिन इस मुक्केबाज के पास भी इसका कोई जवाब नहीं है कि आखिर उन्हें पदोन्नति क्यों नहीं मिली?

अखिल से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा मैं अब विश्व कप में भाग लेने जा रहा हूँ। इस बारे में मेरी अभी तक बात नहीं हुई लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूँ और हमेशा करता रहूँगा।


साल के शुरू में पहले एशियाई ओलिम्पिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में अखिल ने स्वर्ण पदक जीता था और उन्हें सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज भी चुना गया था। इस बैंटमवेट मुक्केबाज ने कहा मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धाओं के लिए कड़ी मशक्कत करता हूँ, लेकिन देश में मेरा सम्मान किस तरह से किया जाता है, इसका एक उदाहरण मेरी पदोन्नति न होना है।

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