अपनी संघर्ष क्षमता, धैर्य और मानसिक दृढ़ता का लोहा मनवा चुके टेनिस के जादूगर रोजर फेडरर इस खेल की सबसे मशहूर घसियाली पट्टी पर रविवार को विम्बलडन के फाइनल मुकाबले में अपना 15वाँ ग्रैंड स्लैम जीतकर इतिहास रचने के इरादे से मुकाबले में उतरेंगे।
शुक्रवार को जर्मनी के टॉमी हास को 7-6, 7-5, 6-3 से हराकर फाइनल में जगह बनाने वाले फेडरर खिताबी जंग में एंडी रॉडिक से भिड़ेंगे।
पुरुष टेनिस की किंवदंती पीट सम्प्रास के 14 ग्रैंड स्लैम खिताब को जीतने के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने की जद्दोजहद में फेडरर मंजिल के नजदीक पहुँचकर कई बार लड़खड़ाए।
राफेल नडाल के उदय के साथ यह माना गया कि फेडरर का दौर खत्म हो गया है लेकिन स्विट्जरलैंड के इस जुझारू खिलाड़ी ने हार नहीं मानी और आत्मबल तथा आत्मविश्वास के बल पर अब वह एक बार फिर इतिहास पुरुष बनने की दहलीज पर खड़े हैं।
अमेरिका के सम्प्रास और फेडरर ने अब तक 14-14 ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं। रविवार को रॉडिक के खिलाफ विम्बलडन का फाइनल मुकाबला जीतने पर फेडरर 15 खिताब जीतकर सम्प्रास को पछाड़ सर्वाधिक ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाले टेनिस खिलाड़ी बन जाएँगे।
यह मुकाबला जीतने पर उनके विम्बलडन खिताबों की संख्या छह हो जाएगी और वह रैंकिंग में फिर से शीर्ष पायदान पर काबिज हो जाएँगे।
रॉडिक और फेडरर का एक-दूसरे से अब तक 20 बार मुकाबला हो चुका है जिनमें फेडरर ने 18 मैच जीते हैं जबकि रॉडिक को सिर्फ दो मौकों पर जीत हासिल हुई है। फेडरर उन्हें वर्ष 2004 और 2005 के विम्बलडन में तथा साल 2006 के अमेरिकी ओपन के फाइनल में हरा चुके हैं।
फेडरर विम्बलडन के फाइनल में लगातार सातवीं बार और कुल मिलाकर 20वीं बार किसी ग्रैंड स्लैम के खिताबी दौर में पहुँचे हैं। इस 27 वर्षीय स्विस खिलाड़ी ने कहा ‘मुझे अपने रिकॉर्ड पर बहुत गर्व है, क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतना कामयाब हो सकूँगा।’
उन्होंने कहा ‘मुझे उम्मीद है कि मैं एक और अच्छा मैच खेल सकता हूँ।’ इससे पहले, सर्वाधिक ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने के कुछ मौके चूकने से सावधान लग रहे फेडरर का सेमीफाइनल मुकाबले में जीत के बाद प्रतिक्रिया का अंदाज भी बिलकुल निराला था।
उन्होंने जीत के बाद नेट के पास पहुँचकर हास से हाथ मिलाने के लिए इंतजार किया और फिर दर्शकदीर्घा में बैठी अपनी गर्भवती पत्नी की तरफ अपना रैकेट दिखाया।
इससे पहले, फ्रेंच ओपन के चौथे दौर में फेडरर और हास का मुकाबला हुआ था। उस मैच में जीत हासिल करने के लिए फेडरर को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। हालाँकि बाद में उन्होंने मुकाबला जीता था और टूर्नामेंट में जोरदार वापसी करते हुए रोलाँ गैरो पर खिताब जीतकर अपनी 14वीं ग्रैंड स्लैम विजय हासिल की थी।
इस वक्त फेडरर पूरे रंग में नजर आ रहे हैं। उन्होंने शानदार प्रदर्शन के जरिये अपनी सर्विस पर 83 में से 72 अंक हासिल किए हैं और उन्हें एक भी ब्रेक प्वाइंट का सामना नहीं करना पड़ा।
दूसरी ओर शुक्रवार को हुए दूसरे सेमीफाइनल में ब्रिटेन के एंडी मुरे को 6-4, 4-6, 7-6, 7-6 से हराने वाले रोडिक ने कहा‘ ईमानदारी से कहूँ तो पिछले दो साल के दौरान मैं अगला ग्रैंड स्लैम खेलने को लेकर अनिश्चितता में रहा। अब मैं विम्बलडन के फाइनल में हूँ। यह मेरे लिए सपने जैसा है।'