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डॉ. चौधरी की शुक्रगुजार हैं सानिया मिर्जा

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नई दिल्ली (भाषा) , गुरुवार, 5 फ़रवरी 2009 (11:49 IST)
करियर का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीतकर इतिहास रचने वाली पहली महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा अपने फिजियो डॉ. जतिन चौधरी की शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने इस भारतीय स्टार के डूबते करियर को बचाने में अहम भूमिका निभाई।

डॉक्टर चौधरी ने सानिया को कलाई की चोट से उबारने के लिए 'स्पाइरल थैरेपी' का इस्तेमाल किया, जिससे यह हैदराबादी बाला सर्जरी कराने से बच गई। सानिया को सर्जरी की सलाह दी गई थी, लेकिन युवराजसिंह ने उन्हें चौधरी के बारे में बताया जिन्होंने इस भारतीय क्रिकेटर के कंधे की चोट को ठीक किया था।

चौधरी ने कहा कि मुझे खुशी है कि मेरे उपचार के बाद सानिया अपने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने में सफल रहीं। अब मुझे लगता है कि मेरा उपचार अब सफल हो गया।

उन्होंने कहा कि इस भारतीय स्टार को अपने करियर को बढ़ाने के लिए पूर्णकालिक फिजियो रखना चाहिए। कलाई की चोट के कारण सानिया पिछले साल ज्यादातर समय कोर्ट पर नहीं उतर सकी थीं और इसका असर उनकी विश्व रैंकिंग पर भी दिखा, जिसमें वे शीर्ष 100 से भी बाहर हो गई थीं, जिससे उनके करियर के खात्मे के कयास लगाए जाने लगे थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या सानिया को अपने करियर को सँवारने के लिए पूर्णकालिक फिजियो रखना चाहिए तो चौधरी ने कहा बिलकुल। टेनिस ऐसा खेल है, जिसमें चोट लगती रहती है और आपको पूरी तरह फिट होना पड़ता है। जब आपकी चोट से करियर को नुकसान पहुँचने लगे तो इसकी बहुत जरूरत है।

चोट से उबरने के बाद सानिया ने महेश भूपति के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन मिश्रित युगल खिताब अपने नाम किया। यह इस भारतीय जोड़ी का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब है।

डॉ. चौधरी ने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फिरोजशाह कोटला मैदान पर हुए मैच के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर की भी माँसपेशियों में खिंचाव से उबरने में मदद की थी और युवराजसिंह तो उनकी विशेष थैरेपी के मुरीद हो गए, जिसके बाद ही उन्होंने सानिया को उनसे मिलने की सलाह दी।

डॉ. चौधरी ने कहा कि अब वे सानिया को चोटों से दूर रखने के लिए नई योजना बना रहे हैं, जिसके लिए यह हैदराबादी बाला तीन-चार दिन में उनसे मिलने यहाँ आएँगी।

यह पूछने पर कि क्या सानिया अब पूरी तरह से ठीक हैं या फिर उनकी कलाई की चोट फिर से उनके करियर के लिए समस्या बन सकती है तो उन्होंने कहा हम इस बारे में एक योजना बना रहे हैं कि इससे कैसे निपटा जाए। हालाँकि अभी वे ठीक हैं लेकिन भविष्य के बारे में सोचना जरूरी है। इसके लिए सानिया तीन-चार दिन के बाद मिलने यहाँ आएँगी।

डॉ. चौधरी ने सानिया की इतनी मदद की। उनसे यह पूछे जाने पर कि क्या वह उनके फिजियो बनने को तैयार हैं तो उन्होंने कहा नहीं, यह मुमकिन नहीं। मेरा यहाँ क्लिनिक है। सानिया की माँ नसीमा मिर्जा ने भी मुझसे कहा था, लेकिन मैं उनकी पूरी सहायता को तैयार हूँ।

उन्होंने कहा कि सानिया ऑस्ट्रेलियाई ओपन में भी सलाह लेती रहीं और वे लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा ऑस्ट्रेलियाई ओपन के दौरान भी सानिया से मेरी बात होती रही और वह मुझसे सलाह लेती रहीं। उनकी माँ नसीमा मिर्जा ने भी मुझसे बात की। मुझे खुशी है कि वे चोट से उबर गई हैं।

डॉ. चौधरी ने कहा कि एमआरआई स्कैन के बाद उन्हें सर्जरी की सलाह दी गई थी लेकिन इससे भी चोट से छुटकारा मिलने के बारे में सुनिश्चित नहीं किया जा सकता था और मैं नहीं चाहता कि इस तरह का जोखिम उठाया जाए। अब परिणाम अच्छा निकला है। अब भविष्य की रणनीति पर ध्यान लगाया जाएगा। वे भारतीय क्रिकेट टीम के काफी सदस्यों के संपर्क में रहते हैं और कई खिलाड़ी उनसे उपचार की सलाह ले चुके हैं।

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