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राफेल नडाल को मिला मुश्किल ड्रॉ

सफीना का सफर आसान

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पेरिस (वार्ता) , शनिवार, 23 मई 2009 (13:17 IST)
क्ले कोर्ट के बादशाह माने जाने वाले दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल को अगले सप्ताह से यहाँ शुरू हो रहे फ्रेंच ओपन में लगातार पाँचवाँ खिताब जीतने की राह में इस बार एंडी मरे और फर्नांडो वर्दास्को जैसी चुनौतियों से पार पाना होगा।

साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट फ्रेंच ओपन के घोषित ड्रॉ में नडाल को मुश्किल प्रतिद्वंद्वी मिले हैं। वर्ष 2005 से ही यहाँ पर अपराजित चल रहे स्पेन के नडाल के ग्रुप में ही ब्रिटेन के मरे और हमवतन वर्दास्को भी हैं। ये दोनों ऐसे खिलाड़ी हैं जो पिछले कुछ महीनों में नडाल को सबसे अधिक परेशान कर चुके हैं।

इसके अलावा नडाल को खिताबी सफर के दौरान पूर्व विश्व नंबर एक लेटन हेविट और हमवतन डेविड फेरर से भी जूझना होगा।

नडाल के कट्टरतम प्रतिद्वंद्वी रोजर फेडरर को अपेक्षाकृत आसान ड्रॉ मिला है। वैसे उन्हें क्वार्टर फाइनल में अमेरिका के एंडी रोडिक और सेमीफाइनल में नावाक जोकोविच जैसे तगड़े प्रतिद्वंद्वियों का सामना करना पड़ सकता है।

अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो फेडरर और नडाल लगातार चौथी बार रोलाँ गैराँ कोर्ट पर खिताबी मुकाबला खेलते हुए नजर आ सकते हैं। यह एकमात्र ऐसा ग्रैंड स्लैम है, जिसे दूसरी वरीयता प्राप्त फेडरर अब तक नहीं जीत पाए हैं।

तीसरी वरीयता प्राप्त मरे भी अपने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम जीतने की भरपूर कोशिश करेंगे। उनका अभियान अर्जेंटीना के युआन इग्नेशियो शेला के खिलाफ मैच से शुरू होगा।

उधर महिला वर्ग में शीर्ष वरीयता प्राप्त दिनारा सफीना के लिए क्वार्टर फाइनल तक का सफर आसान नजर आ रहा है। यहाँ पर अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीतने की कोशिश में लगी रूस की सफीना की अंतिम आठ में उनकी भिड़ंत सर्बिया की अना इवानोविच से हो सकती है। वैसे इवानोविच का इस साल क्ले कोर्ट पर प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है।

दूसरी वरीयता प्राप्त सेरेना विलियम्स भी हालाँकि इस साल इस सतह पर एक भी मैच नहीं जीत पाई हैं लेकिन उनकी चुनौती को कोई भी खिलाड़ी हलके में लेने का जोखिम नहीं उठा सकता है। क्वार्टर फाइनल में जाकर उन्हें स्वेतलाना कुजनेत्सोवा के रूप में पहली तगड़ी चुनौती मिलने की संभावना है।

इसी तरह चोट के बाद वापसी कर रहीं पूर्व नंबर एक मारिया शारापोवा भी समुचित मैच अभ्यास के बावजूद स्थापित खिलाड़ियों को मुश्किल में डाल सकती हैं। इस बार उन्हें गैर वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के तौर पर ही अपना अभियान शुरू करना होगा।

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