एके मट्टू का हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा काफी ना-नुकुर के बाद स्वीकार कर लिया गया है, जिसके बाद नए पदाधिकारियों के लिए भी रास्ता खुल गया।
मट्टू ने हॉकी के हाल के विवाद के दौरान उन पर लगाए गए आरोपों से आहत होकर इस्तीफा दे दिया था। आईओए अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी और उनके अन्य सीनियर साथियों ने उन्हें मनाने की काफी कोशिश की लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रहे।
वर्तमान में हॉकी इंडिया की उपाध्यक्ष विद्या स्टोक्स सात फरवरी को होने वाले चुनाव तक अध्यक्ष पद संभालेंगी जबकि अखिल भारतीय टेनिस संघ के महासचिव अनिल खन्ना को सीडब्ल्यूजी आयोजन समिति का नया कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष कलमाड़ी ने बयान में कहा कि बेहद अनिच्छा और अपने सीनियर साथियों के साथ विचार-विमर्श के बाद मैं मट्टू का आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा स्वीकार कर रहा हूँ। हमने मट्टू को अपना फैसला बदलने के लिए काफी मनाया लेकिन वह अपना मन बना चुके थे। हम उनकी भावनाओं की कद्र करते हैं और खेल प्रशासन से संन्यास लेने की उनकी इच्छा को स्वीकार करते हैं। कलमाड़ी ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों के दौरान उनके उपयोगी सुझावों की कमी खलेगी।
आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोत ने भी कहा कि मट्टू को मनाने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला। हॉकी इंडिया की कार्यकारिणी ने आज मट्टू के इस्तीफे पर चर्चा की और स्टोक्स को चुनावों तक पद संभालने के लिए कहा।
स्टोक्स ने पत्रकारों से कहा कि हमने उन्हें पद पर बने रहने के लिए काफी मनाया लेकिन वह सहमत नहीं हुए। इसलिए कार्यकारी समिति ने उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष होने के नाते मुझे पद संभालने के लिए कहा गया है।
मट्टू के अचानक ही इस्तीफा देने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर स्टोक्स ने कहा कि उन्हें निश्चित तौर पर कुछ परेशानियां होंगी लेकिन हम उनकी चर्चा नहीं कर सकते। मट्टू ने दो दिन पहले अपना इस्तीफा कलमाड़ी को भेजा था और कहा था कि उन्होंेने ‘ खेल प्रशासन से संन्यास लेने का मन बना लिया है।
उन्होंने कहा कि मैंने कलमाड़ी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और अब मैं खेल प्रशासन से संन्यास लेना चाहता हूँ। मैं 40 साल तक सेवा करता रहा। मैंने लंबी और अच्छी पारी खेली। मट्टू पिछले सप्ताह खिलाड़ियों की भुगतान को लेकर बगावत के केंद्र में रहे।
उन्होंने खिलाड़ियों से अभ्यास जारी रखने और अपने भुगतान के लिए विश्व कप के बाद तक इंतजार करने के लिए कहा था, जिसे खिलाड़ियों ने सिरे से नकार दिया था। कलमाड़ी ने बाद में यह मसला सुलझाया। (भाषा)