Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हज़ल : दिलावर फ़िगार

हमें फॉलो करें हज़ल : दिलावर फ़िगार
मुशाएरे के लिए क़ैद तरहा की क्या है
ये इक तरह की मशक़्क़त है शायरी क्या है

जो चाहते हैं कि मैं तरहा में ग़ज़ल लिक्खूँ
उन्हें खबर ही नहीं मेरी पॉलिसी क्या है

ग़ज़ल की श्क्ल बदल दी है ऑपरेशन से
सुखनवरी है अगर ये तो सरजरी क्या है

मैं जब ग़ज़ल में गुलिस्ताँ का ज़िक्र करता हूँ
वो पूछते हैं गुलिस्ताँ की फ़ारसी क्या है

ग़ज़ल जो तरहा में लिक्खी है किस तरह लिक्खी
ये पूछने की किसी को अथारिटी क्या है

मेरी ग़ज़ल में तखल्लुस किसी का फ़िट कर दो
तखल्लुसों की भी इस शहर में कमी क्या है

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi