Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

ग़ज़लें : ख्वाजा मीर दर्द

हमें फॉलो करें ग़ज़लें : ख्वाजा मीर दर्द
, गुरुवार, 1 मई 2008 (15:26 IST)
ख्वाजा मीर दर्

जग में आकर इधर-उधर देखा
तू ही आया नज़र जिधर देखा

जान से हो गए बदन खाली
जिस तरफ़ तूने आंख भर देखा

नाला, फ़रयाद, आह और ज़ारी
आप से हो सका सो कर देखा

इन लबों ने न की मसीहाई
हम ने सो सो तरह से मर देखा

ज़ोर आशिक़ मिज़ाज है कोई
दर्द को क़िस्सा मुखतसर देखा

और भी चाहिए सो कहिए अगर
दिल ए नामेहरबान में कुछ है

दर्द तू जो करे है जी का ज़ियाँ
फ़ायदा इस ज़ियान में कुछ है

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi