कॉलेजों में सेमेस्टर प्रणाली लागू कर सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन इसे लागू हुए चार साल बीतने के बाद भी शिक्षकों व छात्रों में इसे लेकर खास उत्साह नहीं है। राजधानी स्थित सरकारी कॉलेजों के शिक्षक व छात्र सेमेस्टर प्रणाली को फ्लॉप शो बताकर इसे बंद करने का सुझाव दे रहे हैं। हाल ही में राजधानी के सरकारी कॉलेजों के औचक निरीक्षण पर निकले आयुक्त उच्च शिक्षा सेमेस्टर प्रणाली को लेकर शिक्षकों व छात्रों के विचार जानकार खुद ही चौंक गए। आयुक्त की सेमेस्टर प्रणाली को लेकर तमाम सफाई के बावजूद शिक्षक व छात्र इसे सुपरहिट बोलने को तैयार नहीं हुए। हालांकि शिक्षकों को जैसे ही पता चला की वे आयुक्त हैं तो सब के मुंह बंद हो गए।
यह वाकया 30 दिसंबर 2011 को घटा। जानकारी के अनुसार आयुक्त उच्च शिक्षा वीएस निरंजन राजधानी के शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, शासकीय भेल कॉलेज, शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय के औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने उन्होंने अपनी गाड़ी कॉलेज परिसर के बाहर खड़ी की तथा कॉलेजों के शिक्षकों व छात्रों से बतौर उच्च शिक्षा संचालनालय के एक कर्मचारी की हैसियत से मिले।
सूत्रों के मुताबिक निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिक्षकों व छात्रों को भनक तक नहीं लगने दी कि वे आयुक्त उच्च शिक्षा हैं। शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में उन्होंने खुद को संचालनालय का कर्मचारी बताकर पहले छात्रों से सेमेस्टर प्रणाली के बारे में विचार जाने। जानकारी के अनुसार सभी छात्रों ने सेमेस्टर प्रणाली को खराब बताकर इसे बंद करने का सुझाव दिया।-निश्चय बोनिया
इस दौरान आयुक्त ने कॉलेज में छात्रों की कम संख्या पर नाराजगी भी जतायी। सूत्रों के मुताबिक वे कॉलेज की स्थिति से खुश नहीं थे। हमीदिया के बाद वे शासकीय भेल कॉलेज के निरीक्षण पर पहुंचे थे। इस कॉलेज की स्थिति को लेकर भी आयुक्त ने नाराजगी जतायी थी। उन्होंने कॉलेज में छात्रों की कम संख्या पर चिंता जाहिर की। बाद में वे शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय व शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय भी पहुंचे थे। हालांकि शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय में वे आयोजित वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने शिक्षकों से उच्च शिक्षा को लेकर औपचारिक चर्चाएं की।
---
बाक्स
---
बिगड़ गई कॉलेजों की व्यवस्था
प्रदेश के कॉलेजों में वर्ष 2008-09 को सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया था। तब से लेकर अब तक विश्वविद्यालयों का अकादमिक कैलेण्डर बिगड़ा हुआ है। इस बार सेमेस्टर सिस्टम पूरे छह माह पीछे चल रहा है। समय पर परीक्षा नहीं होने के कारण रिजल्ट जारी करने में विवि को खासी दिक्कतें आयी। प्रोजेक्ट वर्क से लेकर सीसीई तक विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सिलेबस को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी रही। समय पर किताबें बाजार में नहीं आने से विद्यार्थियों को पढ़ाई का खासा नुकसान उठाना पड़ा। हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग ने व्यावहारिक दिक्कतों के चलते इसमें सुधार की कवायद शुरू की है। लेकिन फिलहाल बिगड़ी स्थिति सुधरती नजर नहीं आ रही है।
--------