Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

फर्जीवाडे का होगा खुलासा

हमें फॉलो करें फर्जीवाडे का होगा खुलासा
खंडवा , रविवार, 5 फ़रवरी 2012 (01:02 IST)
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला परियोजना कार्यालय में लोकायुक्त पुलिस (इंदौर) की टीम ने दूसरे दिन भी जाँच कार्य जारी रखा। शनिवार को विभाग के 4 कर्मचारियों, साक्षी श्रीराम चंद्रवंशी तथा बस मालिकों के कथन दर्ज किए।


साढ़े सात वर्ष पूर्व नरेंद्र अग्रवाल द्वारा की गई शिकायत और न्यायालय में परिवाद पेश करने के बाद आँगनवाडूी कार्यकर्ता को प्रशिक्षण देने के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की पोल अब खुलते नजर आ रही है। न्यायालय के आदेश पर पुलिस दस्तावेज खंगालने के साथ प्रत्येक कोण से जाँच कर रही है। अधिकारियों ने जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश गुप्ता, बुरहानपुर के प्रभारी परियोजना अधिकारी विजयसिंह कोरी, नेपानगर की परियोजना अधिकारी मंगला दुबे तथा लेखापाल ललित ढाकसे के कथन दर्ज किए। पुलिस ने कांकरियो ग्राम सचिव श्रीराम चंद्रवंशी के कथन भी लिए। श्री चंद्रवंशी ने प्रमाण पत्र जारी किया था कि वर्ष 2003-04 में गाँव में कोई प्रशिक्षण दल नहीं आया।


पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टिज के सदस्य श्री अग्रवाल ने बताया कि पूरे मामले में आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि फरवरी 06 में श्री सिटोले द्वारा प्रस्तुत 350 पृष्ठीय जाँच प्रतिवेदन गायब हो गया। जिले के अधिकारियों ने यह प्रतिवेदन भोपाल भेजना बताया है जबकि भोपाल कार्यालय के सूचना के अधिकार अंतर्गत जानकारी नहीं दे पा रहा है। कुल मिलाकर उम्मीद न्यायालय तथा लोकायुक्त की जाँच पर है।


मोटी रकम भ्रष्टाचार की भेंट!

मोबाइल प्रशिक्षण के नाम पर जिस बस से विभाग के अधिकारियों ने यात्रा करना दर्शाया उनके नंबर गलत निकले। अधिकारियों ने लूना, स्कूटर और ट्रैक्टर के नंबर लिखकर बस दर्शा दिया। परियोजना अधिकारी श्री सिटोले ने जाँच में देवेंद्र सिद्धार्थ, शैलश्री चौरे, सुनीति चौरे, मंगला दुबे, ललित ढाकसे की ओर शक की ऊँगली उठाई थी। प्रशिक्षण के लिए प्राप्त करीब 24 लाख रुपए का आवंटन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। -निप्र


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi