भारतीय सरजमीं पर विश्वकप का मैच और केवल 300 दर्शक। सुनकर थोड़ा अजीब लगता है लेकिन फिरोजशाह कोटला में सोमवार को जब केन्या और कनाडा के बीच ग्रुप 'बी' का मैच शुरू हुआ तो स्टेडियम में गिनती के दर्शक मौजूद थे।
स्टेडियम में पूरी तरह सन्नाटा पसरा था और किसी भी कोण से नहीं लग रहा था कि यहाँ विश्वकप का मैच चल रहा है। इस 48,000 की क्षमता वाले स्टेडियम में जहाँ कहीं भी कुछ छितरे हुए दर्शक दिखाई दे रहे थे तो उनमें वॉलेंटियर और सुरक्षाकर्मियों की तादाद ज्यादा थी।
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के एक अधिकारी ने बताया कि इस मैच के लिए शुरू से ही दर्शकों में कोई क्रेज नहीं देखा गया और सभी की निगाहें 9 मार्च को भारत और हॉलैंड के बीच होने वाले मैच पर टिकी हैं। संभावना है कि उस दिन स्टेडियम खचाखच भरा रहेगा।
अधिकारी ने कहा, ‘कभी कभी रणजी मैच में भी इससे अधिक दर्शक देखने को मिल जाते हैं। केन्याऔर कनाडा के अब तक के प्रदर्शन को देखकर भी दर्शकों की इस मैच में रही सही रुचि भी खत्म हो गई।’
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने मीडिया बॉक्स में सीटें कम होने के कारण मीडियाकर्मियों को पूर्व में ही सूचित कर दिया था कि उन्हें सीट नहीं मिल पाएगी लेकिन जिन पत्रकारों को सीट मुहैया कराई गई थी, उनमें से भी अधिकतर नहीं पहुँचे थे।
मीडिया बॉक्स में भी कोई गहमागहमी नहीं थी और अधिकतर सीटें खाली पड़ी थी। आईसीसी की मीडिया अधिकारी लूसी बेंजामिन इसके बावजूद पत्रकारों को आवंटित सीटों पर ही बैठने के लिए निर्देश देती नजर आईं।
यह सिर्फ फिरोजशाह कोटला का हाल नहीं है। अन्य स्टेडियमों में भी जिस मैच में भारतीय टीम शिरकत नहीं कर रही है और मैच में यदि कोई एसोसिएट देश शामिल है तो कम ही दर्शक स्टेडियम में पहुँच रहे हैं। कोटला ने तो एक साल का प्रतिबंध झेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की है लेकिन अभी इस स्टेडियम में जीवन नहीं लौटा है।
कोटला की मशहूर मैक्सिकन वेव के क्रिकेटर भी दीवाने हैं लेकिन पिछले तीन मैचों में यहाँ ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहले मैच में 10 हजार के करीब दर्शक मौजूद थे लेकिन इसके बाद वेस्टइंडीज और हॉलैंड के मैच के लिए यहाँ कुछ 100 दर्शक ही पहुँचे थे।
भारतीय मैच के लिए हालाँकि दर्शकों में जबर्दस्त क्रेज है । भारत को भले ही कमजोर हालैंड से भिड़ना है कि लेकिन उस मैच की सभी आनलाइन टिकटें महीने भर पहले ही बिकगईथी। इसके अलावा महाराष्ट्र बैंक की दिल्ली में छह शाखाओं में से अधिकतर में टिकटें नहीं हैं।
कोटला पिच की परीक्षा में यहाँ विश्वकप के पहले मैच यानी 24 फरवरी को ही पास हो गया था लेकिन लेकिन यह अपनी असली जिंदगी 9 मार्च को ही जिएगा। (भाषा)