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जीत की तलाश में उतरेंगे कनाडा और केन्या

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नई दिल्ली , रविवार, 6 मार्च 2011 (16:27 IST)
क्वार्टर फाइनल की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी कनाडा और केन्या की टीम विश्व कप ग्रुप ए मैच में सोमवार को यहाँ अपनी पहली जीत दर्ज करने और प्रतिष्ठा की खातिर एक-दूसरे का सामना करेंगी।

कनाडा और ककेन्या ने अब तक तीन-तीन मैच खेले हैं जिनमें उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों के प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2015 में होने वाले विश्वकप में केवल दस टीमों को उतारने के फैसले को भी बल मिला है।

विश्वकप 2003 में सेमीफाइनल तक पहुँची केन्याई टीम इस बार अब तक टूर्नामेंट की सबसे कमजोर टीम साबित हुई है। उसे न्यूजीलैंड ने दस विकेट से, पाकिस्तान ने 205 रन से और श्रीलंका ने नौ विकेट से करारी शिकस्त दी।

दूसरी तरफ कनाडा को पहले दो मैच में श्रीलंका के हाथों 210 रन और जिम्बाब्वे से 175 रन की शर्मनाक हार झेलनी पड़ी लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ वह एक समय उलटफेर करने की स्थिति में था। उसने पाकिस्तान को 184 रन पर समेट दिया था लेकिन बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण उसे 46 रन से हार का सामना करना पड़ा था।

कनाडा और केन्या दोनों के लिए बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन परेशानी का सबब बना हुआ है। कनाडाई कप्तान आशीष बगई भी अपने बल्लेबाजों के प्रदर्शन से निराश हैं। उन्होंने कहा कि हम टूर्नामेंट के शुरू से ही बल्लेबाजी को लेकर चिंतित हैं और यह अब भी हमारे लिये सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। यदि हमें कीनिया के खिलाफ जीत दर्ज करनी है तो बल्लेबाजों को अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

कमांडे ने कहा कि हमारे लिए यह बड़ी चिंता है क्योंकि जब तक हम पूरे 50 ओवर नहीं खेलते तब तक मैच नहीं जीत सकते। हम लगातार अपनी बल्लेबाजी में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि कल हमारे बल्लेबाज पूरे 50 ओवर खेलने सफल रहेंगे।

फिरोजशाह कोटला मैदान पर इस तरह से दो कमजोर मानी जा रही टीमों के बीच इस मुकाबले में जो भी अच्छी बल्लेबाजी करेगा उसकी जीत की संभावना बढ़ जाएगी। कनाडा की टीम भी अभी तक किसी मैच में पूरे 50 ओवर नहीं खेल पायी है और टूर्नामेंट में उसका उच्चतम स्कोर 138 रन है।

कोटला की पिच अब परीक्षा में पास हो गई है और अब यह तय हो गया है कि इसमें बल्लेबाजों के लिए रन बनाने के पर्याप्त अवसर हैं। क्यूरेटर राधेश्याम शर्मा भी मानते हैं कि यदि इन दोनों टीमों के बल्लेबाज टिककर खेलते हैं तो रन बनाने में दिक्कत नहीं होगी।

केन्या और कनाडा के बीच अब तक खेले गए मैचों में केन्याई टीम का पलड़ा भारी रहा है। इन दोनों टीमों के बीच जो 12 मैच खेले गए हैं उनमें से कीनिया ने सात और कनाडा ने चार मैच जीते हैं जबकि एक मैच का परिणाम नहीं निकला। इन दोनों टीमों के बीच हालाँकि 2009 के बाद जिन तीन मैचों का परिणाम निकला उन तीनों में कनाडा विजयी रहा था।

इस मैच के दो दिन बाद यहाँ भारत और हॉलैंड के बीच मैच होगा और कल होने वाले मैच के बजाय दर्शकों में भारतीय मैच को लेकर ही अधिक उत्साह बना हुआ है। (भाषा)

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