विश्व कप की फिसड्डी मानी जा रही दो टीमों के बीच जंग में कनाडा ने खुद को बेहतर साबित करते हुए आज यहाँ ग्रुप 'बी' में केन्या को पाँच विकेट से हराकर क्रिकेट महाकुंभ में अपनी पहली जीत दर्ज की।
कनाडा की इस जीत के नायक हेनरी ओसिंडे तथा दिल्ली में जन्मे कप्तान आशीष बगई और लुधियाना में जन्मे जिम्मी हंसरा रहे। ओसिन्डे ने जहाँ 26 रन के एवज में चार विकेट लेकर केन्याई शीर्षक्रम को तहस नहस किया, वहीं ओसिंडे और बगई ने विषम परिस्थितियों में चौथे विकेट के लिए 126 रन की साझेदारी की जो विश्वकप में कनाडा की तरफ से किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी भागीदारी है।
ओसिंडे के कमाल से केन्या की आधी टीम 57 रन पर पैवेलियन लौट गई थी लेकिन तन्मय मिश्रा (51) और थामस ओडोयो (51) के अर्धशतकों से वह 198 रन बनाने में सफल रहा।
कनाडा ने भी 48 रन पर तीन विकेट गँवा दिए थे लेकिन इसके बाद पहली गेंद पर ही जीवनदान पाने वाले हंसरा (70) और बगई (नाबाद 64) ने सहजता से टीम की नैया पार लगाई। कनाडा ने 45.3 ओवर में पाँच विकेट पर 199 रन बनाकर चौथे मैच में अपना खाता खोला। केन्या की यह लगातार चौथी हार है।
कनाडा की इस टूर्नामेंट में सबसे बड़ी कमजोरी बल्लेबाजी रही है लेकिन आज वह हंसरा और बगई की बदौलत वह अपनी इस कमजोरी से पार पाने में सफल रहा।
कनाडा ने अपने ट्रंप कार्ड रिजवान चीमा से पारी का आगाज करवाने का जुआ खेला, जिन्होंने पहली गेंद पर रेफरल के जरिये बचने के बाद दो चौके और एक छक्का जमाया लेकिन एल्जाह ओटिनो की गेंद पर आगे बढ़ने के प्रयास में वह बोल्ड हो गए।
केन्या को यह चूक महँगी पड़ी और हंसरा ने इसके बाद कई आकषर्क शॉट खेले। उन्होंने नगोचे के उसी ओवर की अंतिम दो गेंद पर चौके जड़कर अपने तेवर दिखाए तथा बाद में जिम्मी कमांडे और स्टीव टिकोलो पर छक्के भी जमाए और 74 गेंद पर अपने वनडे करियर का पहला अर्धशतक पूरा किया।
पिछले 20 वनडे मैचों में 50 से अधिक की औसत से रन बनाने वाले बगई ने फिर से दबाव में धर्य से बल्लेबाजी करने की अपनी काबिलियत का जानदार नमूना पेश किया। उन्होंने पहले हंसरा की बल्लेबाजी का लुत्फ उठाया और एक दो रन लेकर अपनी पारी आगे बढ़ाई। बाद में उन्होंने नेमियाह ओडियाम्बो की गेंद पर चौका जड़कर वनडे में अपना 15वाँ और विश्वकप में पहला अर्धशतक पूरा किया।
बल्लेबाजी पावर-प्ले जमे हुए बल्लेबाज के लिए फिर से घातक साबित हुआ और कनाडा ने इसके पहले ओवर में ही हंसरा का विकेट गँवा दिया, जिन्होंने 99 गेंद खेली तथा सात चौके और दो छक्के लगाए। पावर-प्ले में कनाडा ने टायसन गोर्डन (3) का विकेट भी गँवाया लेकिन बगई जमे रहे, जिन्होंने टीम की तरह से विजयी चौका भी जड़ा। बगई ने 97 गेंद खेली और सात चौके लगाए।
इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरे केन्या की पारी मिश्रा और ओडोयो के इर्द गिर्द ही घूमती रही जो पाँच विकेट पर मिश्रा ने इस बीच कप्तान जिमी कमांडे (22) के साथ छठे विकेट के लिए 52 और ओडोयो के साथ सातवें विकेट के लिए 57 रन की साझेदारी की।
ओसिन्डे ने पारी की दूसरी गेंद पर ही सलामी बल्लेबाज मौरिस ओउमा को दूसरी स्लिप में कैच कराया और फिर सीरेन वाटर्स (2) की गिल्लियाँ बिखेरी। डेविड ओबुया (2) भी अधिक देर नहीं टिक पाए और ओसिन्डे की गेंद उनके बल्ले को चूमती हुई बगई के दस्तानों में समा गई। कोलिन्स ओबुया (31) भी कुछ अच्छे शॉट खेलने के बाद बैदवान की गेंद को लाइन में आए बिना खेलने के प्रयास में बोल्ड हुए।
स्टीव टिकोलो (12) भी जब अधिक देर तक नहीं टिक पाए तो लगने लगा कि कनाडा जल्द ही केन्याई पारी समेटकर मैच को एकतरफा बना देगा लेकिन मुंबई में जन्में 24 वर्षीय बल्लेबाज मिश्रा ने ऐसे मौके पर संयत भरी पारी खेली।
मिश्रा को कमांडे के रूप में अच्छा जोड़ीदार मिला और इन दोनों ने 14 ओवर तक कोई विकेट नहीं गिरने दिया। भारत में रणजी ट्रॉफी खेलने वाले लेग स्पिनर बालाजी राव ने कमांडे को आउट करके यह साझेदारी तोड़ी। कमांडे टर्न लेती गेंद पर कदमों का सही इस्तेमाल नहीं कर पाए और उस पर बल्ला अड़ा बैठे। बाकी काम बगई ने कर दिया।
कनाडा को इसके बाद अगली सफलता के लिए भी लगभग 13 ओवर का इंतजार करना पड़ा। मिश्रा वनडे में अपना चौथा अर्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद पैवेलियन लौट गए। बदलाव के रूप में आए जॉन डेवीसन ने पहली गेंद पर ही मिश्रा की एकाग्रता भंग कर दी। वह गेंद की फ्लाइट को समझने में नाकाम रहे और मिडऑफ पर आसान कैच दे बैठे।
ओसिन्डे ने नेमियाह ओडियाम्बो के रूप में चौथा विकेट लिया लेकिन ओडोयो टिके रहे। उन्होंने डेवीसन पर लांग ऑफ में खूबसूरत छक्का जमाया और फिर आखिरी ओवर में अपना आठवाँ अर्धशतक पूरा किया। (भाषा)