Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कार्डिफ में इंग्लैंड की मनोवैज्ञानिक जीत

हमें फॉलो करें कार्डिफ में इंग्लैंड की मनोवैज्ञानिक जीत
शराफखा

इंग्लैंड में अब तक खेली गई एशेज सिरीज में यह पहला मौका है, जबकि इसकी शुरुआत ऐतिहासिक लार्ड्‍स क्रिकेट ग्राउंड से नहीं हुई। सोफिया पार्क, कार्डिफ के विकेट के बारे में किसी को कुछ पता नहीं था और इसी कारण इंग्लिश कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी।

सोफिया गार्डन का सपाट विकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए आसान और इंग्लैंड के लिए मुश्किल साबित हुआ। इस टेस्ट में रिकी पोंटिंग, साइमन कैटिच, मार्क्स नार्थ और ब्रेड हैडिन के शतकों के बजाय मैच के आखिरी क्षणों में मोंटी पनेसर और जेम्स एंडरसन की बल्लेबाजी ज्यादा याद रखी जाएगी। पनेसर और एंडरसन की साहसिक बल्लेबाजी के लिए इंग्लिश क्रिकेट को उनका शुक्रगुजार होना चाहिए, वरना ऑस्ट्रेलिया ने कार्डिफ टेस्ट लगभग जीत ही लिया था।

जिस विकेट पर इंग्लैंड की पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई उसी विकेट पर ऑस्ट्रेलिया ने विशाल स्कोर बनाया। यहाँ विकेट में कोई खराबी नहीं थी, बल्कि दोनों टीमों के स्तर में अंतर था।

पाँचवें दिन का खेल शुरू होने पर स्ट्रॉस और केविन पीटरसन क्रीज पर थे। इन दोनों पर इंग्लैंड की पारी निर्भर थी, लेकिन पीटरसन ने ऐसे नाजुक मौके पर लापरवाही से खेलते हुए अपना ऑफ स्टम्प गँवा दिया। स्ट्रॉस हार्टिज की जिस गेंद पर आउट हुए, वह कोई अनोखी गेंद नहीं थी, बल्कि स्ट्रॉस ने ही जल्दबाजी से काम लिया।

इंग्लैंड के शीर्ष चार बल्लेबाजों के पैवेलियन लौटने पर पॉल कॉलिंगवुड ने निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर लंगर डाला। ग्रीम स्वान (31), एंडरसन (नाबाद 21), पनेसर (नाबाद 7) ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को परेशान किया। कॉलिंगवुड ने अपनी लंबी पारी से ऑस्ट्रेलिया को जीत से वंचित कर दिया और उन्हें इसका पूरा श्रेय जाता है।

ऑस्ट्रेलिया कार्डिफ में जीत न सका, इसके लिए कॉलिंगवुड, स्वान, एंडरसन और पनेसर की भूमिका के अलावा अंतिम क्षणों में ऑस्ट्रेलिया कप्तान पोंटिंग की कप्तानी भी जिम्मेदार रही। अंतिम ओवरों में उन्होंने मिशेल जॉनसन और हालफिनहास जैसे प्रमुख गेंदबाजों को आक्रमण पर नहीं लगाया, बल्कि कामचलाऊ गेंदबाज नार्थ को गेंद सौंपी। हो सकता है कि जॉनसन और हालफिनहास भी पनेसर और एंडरसन को आउट नहीं कर पाते, लेकिन ऑस्ट्रेलिया समर्थकों को कम से कम इतना संतोष तो होता कि पोंटिंग ने अपने सभी गेंदबाजों को आजमाया।

रिकॉर्ड में यह टेस्ट ड्रॉ हो गया, लेकिन जीत के इतने करीब आकर ऑस्ट्रेलिया टीम निराश होगी, जबकि शीर्ष बल्लेबाजों की नाकामी के बाद भी अगर इंग्लैंड यह टेस्ट बचा पाया तो यह उसकी मनोवैज्ञानिक जीत है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi