बहुत देर कर दी हुजूर आते आते, आवेश खान की जगह टीम में शामिल हुए दीपक चाहर
आवेश खान बीमारी के कारण एशिया कप से बाहर
नई दिल्ली: तेज गेंदबाज आवेश खान बुखार से जुड़ी बीमारी के कारण एशिया कप के बाकी मैचों से बाहर हो गए। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की।तेज गेंदबाज दीपक चाहर को उनकी जगह टीम में शामिल किया गया है।हालांकि अब इस निर्णय का कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि भारत की टीम सुपर 4 के लगातार 2 मैच हारकर टीम इंडिया से बाहर हो गई है।
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा , आवेश को बुखार है और साइनस की समस्या होने से परेशानी बढ गई है। वह टूर्नामेंट में आगे नहीं खेल सकेगा। दीपक चाहर यहां है ही और उसे टीम में शामिल किया गया है।
आवेश वेस्टइंडीज दौरे से ही खराब फॉर्म में है और हांगकांग के खिलाफ मैच में उसने 50 से ज्यादा रन दे डाले। बुखार के कारण वह पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेला लेकिन कोच राहुल द्रविड़ को उम्मीद थी कि वह बाकी मैचों के लिये फिट हो जायेगा।
चाहर बेहतरीन स्विंग गेंदबाज हैं जो पावरप्ले के ओवरों में विकेट लेने में माहिर है। फिटनेस कारणों से उन्हें एशिया कप की मूल टीम में नहीं चुना गया लेकिन वह रिजर्व के तौर पर टीम के साथ थे।
इस बात की भी फैंस आलोचना कर रहे थे कि जब आवेश खान फिट नहीं थे और टीम के पास तेज गेंदबाजो की कमी थी तो तब ही दीपक चाहर को दल में शामिल क्यों नहीं किया गया जैसे अक्षर पटेल को रविंद्र जड़ेजा के बाहर निकलने के बाद शामिल किया गया।
सूत्र ने कहा , दीपक को वापसी तो करनी ही थी। आवेश दुर्भाग्यपूर्ण हालात के कारण बाहर हुआ है और उम्मीद है कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला से पहले फिट हो जायेगा।
भुलाने लायक रहा आवेश का एशिया कप
पिछले से पिछले रविवार को पाक के खिलाफ खेले गए मैच में आवेश खान इतने बेअसर थे कि कप्तान रोहित शर्मा ने उनसे 4 ओवर की जगह 2 ओवर ही करवाए। उन्होंने 19 रन दिए और फकर जमान का विकेट लिया।
इसके बाद हॉंंगकॉंग के मैच में तो उनकी जमकर पिटाई हुई। 4 ओवर में उऩ्होंने 53 रन लुटाए और सिर्फ 1 विकेट लेने में कामयाब रहे।
खासकर अंतिम ओवरों में गेंदबाजी कर उन्होंने खासी मार खाई है। अब तक अपने टी-20 करियर में वह अंतिम ओवरों में 38 गेंदो में 114 रन दे चुके हैं। इसमें से 2 गेंदो में 12 रन उन्होंने हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ दिए थे। ऐसे में उनके सिर पर फिट होने के बावजूद और तेज गेंदबाजों की कमी होने के बावजूद चयन अधर में था। लेकिन अब वह निशचिंत होकर भारतीय दल के साथ वापस आ सकते हैं।