खराब मौसम और बारिश के बीच एशिया कप की सफल मेजबानी करने में महती भूमिका निभाने वाले प्रेमदासा स्टेडियम के ग्राउंड स्टाफ की रविवार को सर्वत्र सराहना की गयी और उपहार स्वरूप आयोजकों ने उन्हे 50 हजार अमेरिकी डालर के पुरस्कार से नवाजा वहीं भारत की जीत में अहम योगदान देने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने खुद को मिली इनामी राशि भी ग्राउंड स्टाफ को देने की पेशकश की।
भारत ने श्रीलंका के खिलाफ दस विकेट से ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुये एशिया कप का खिताब आठवीं बार अपने नाम किया है। इस जीत में सिराज की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही जिन्होने श्रीलंका के छह बल्लेबाजों को आउट कर मैच को एकतरफा बना दिया। उनकी इस उपलब्धि के लिये उन्हे प्लेयर आफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया। सम्मान समारोह में रवि शास्त्री ने मोहम्मद सिराज को मंच पर बुलाया और उन्हे पांच हजार डालर का चेक उपहार स्वरूप दिया।
सिराज ने बड़ी सहजता से कहा कि ग्राउंड स्टाफ की कड़ी मेहनत और सहयोग से एशिया कप को निर्विघ्न संपन्न कराया गया है। इसलिये वह समझते हैं कि इसके लिये वह इस पुरस्कार राशि के सही पात्र हैं। ग्रांउड स्टाफ ने विपरीत परिस्थितियों में काम किया जिसके चलते बारिश के बावजूद यहां मैच खेले जा सके।
बाद में आयोजकों ने भी ग्राउंड स्टाफ के कार्य की सराहना करते हुये उन्हे 50 हजार डालर का चेक उपहार स्वरूप प्रदान किया जिसका ग्राउंड स्टाफ ने ताली बजा कर स्वागत किया। मोहम्मद सिराज ने ना केवल मैदान के अंदर बल्कि मैदान के बाहर भी दिल जीता। उनको 21 रन देकर 6 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच का पुरुस्कार मिला लेकिन उन्होंने 42 लाख रुपए की पूरी राशि कोलंबो के मैदानकर्मियों को समर्पित कर दी। सिराज ने कहा कि अगर वह ना होते तो यह टूर्नामेंट नहीं हो पाता।
गौरतलब है कि एशिया कप का श्रीलंका में खेला गया भाग शुरुआत से ही बारिश के कारण बाधित रहा। भारत पाक का एक मैच रद्द हुआ और एक रिजर्व डे के दिन खेला गया। इसके साथ ही भारत का नेपाल का मैच भी 20 ओवर का हुआ। सुपर 4 में पाकिस्तान श्रीलंका का मैच भी 42 ओवर का हुआ। इस दौरान मैदान कर्मियों ने कई बार कवर्स लगाए और हटाए। मैदानकर्मियों की मेहनत का मोल सिराज ने मानकर उन्हें उचित पुरुस्कार दिया।
श्रीलंका को 50 रन पर ढेर करने में अहम भूमिका निभाने वाले सिराज ने कहा, जितना नसीब में होता है वही मिलता है। आज मेरा नसीब था।उन्होंने विशेषकर श्रीलंका के भारत दौरे के दौरान तिरुवनंतपुरम में खेले गए तीसरे वनडे मैच के संदर्भ में यह बात कही जब उन्होंने शुरू में चार विकेट हासिल कर लिए थे लेकिन वह पांचवा विकेट नहीं ले पाए थे। श्रीलंका की टीम तब 391 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 73 रन पर आउट हो गई थी।
सिराज ने कहा, पिछली बार श्रीलंका के खिलाफ त्रिवेंद्रम में भी मैंने ऐसा प्रदर्शन किया था। मैंने शुरू में ही चार विकेट हासिल कर लिए थे लेकिन पांचवा विकेट नहीं ले पाया था।उन्होंने कहा, आज मैंने कुछ खास प्रयास नहीं किए। मैं सफेद गेंद के क्रिकेट में हमेशा गेंद को स्विंग कराने पर ध्यान देता हूं लेकिन पिछले मैचों में मुझे बहुत अधिक स्विंग नहीं मिली।
सिराज ने कहा, लेकिन आज गेंद स्विंग कर रही थी और मैंने आउटस्विंगर से अधिक विकेट लिए। इस विकेट पर मुझे इतनी स्विंग मिल रही थी कि मैंने बल्लेबाज को फ्रंट फुट पर जाने और उन्हें ड्राइव करने के लिए उकसाया।उन्होंने कहा, अगर इस तरह की पिच पर आप विकेट लेने की कोशिश करते हो तो आपको सफलता मिलेगी। यह सही लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करने से जुड़ा है। मैं अपने प्रदर्शन से बहुत खुश हूं और यह मेरे लिए सपना सच होने जैसा है।
एसीसी और एसएलसी ने क्यूरेटर और मैदानकर्मियों के लिए 50 हजार डॉलर के पुरस्कार की घोषणा की
मानसून सत्र के बीच कोलंबो और पाल्लेकल में मैदानों को एशिया कप के लिए तैयार करने वाले मैदानकर्मियों की पूरी टीम को एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष जय शाह ने रविवार को 50 हजार डॉलर की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की।
शाह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, क्रिकेट के गुमनाम नायकों को सलाम! एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) और श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) को कोलंबो और कैंडी में समर्पित क्यूरेटर और मैदानकर्मियों के लिए 50 हजार अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है।
यह राशि श्रीलंका रुपये में लगभग एक करोड़ 60 लाख रुपये होती है।शाह ने लिखा, उनकी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत ने एशिया कप 2023 को एक अविस्मरणीय टूर्नामेंट बना दिया। पिच की उत्कृष्टता से लेकर हरे-भरे आउटफील्ड तक, उन्होंने सुनिश्चित किया कि रोमांचक क्रिकेट एक्शन के लिए मंच तैयार रहे।उन्होंने कहा, यह मान्यता क्रिकेट की सफलता में इन व्यक्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है आइए उनकी सेवाओं का जश्न मनाएं और उनका सम्मान करें!
टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान को करनी थी लेकिन भारत पड़ोसी देश में खेलने का इच्छुक नहीं था और ऐसे में एसीसी को हाइब्रिड मॉडल पर टूर्नामेंट आयोजित करने के लिए मजबूर होना पड़ा जिसमें श्रीलंका को नौ मैचों की मेजबानी मिली।हालांकि श्रीलंका में मौसम की स्थिति एक चुनौती बन गई, विशेषकर क्यूरेटर और मैदानकर्मियों को लिए क्योंकि वे मैदान को समय पर तैयार करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे थे।पाल्लेकल चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ भारत का शुरुआती मैच बारिश की भेंट चढ़ गया जबकि कुछ अन्य मुकाबलों का फैसला डकवर्थ-लुईस पद्धति से हुआ।