* अगर आपका मूलांक 1 है तो उसका स्वामी सूर्य है। सूर्य के मित्र बुध, गुरु, मंगल है। वर्ष का अंतिम अंक 12 है जो जोड़ने से 3 आता है। तीन का स्वामी गुरु है जो सूर्य का मित्र है। 1, 10, 19, 28 तारीख को जन्मे व्यक्तियों के लिए यह वर्ष उत्तम कहा जा सकता है। आप जो भी कार्य करेंगे उसमें आशातीत सफलता मिलेगी। शासकीय कार्य बनेंगे। प्रशासनिक सेवाओं में सफलता मिलेगी। सर्विस वाले सफल होंगे। व्यापार-व्यवसाय में प्रगति के आसार है।
मानसिक बैचेनी दूर होगी। राजनैतिक व्यक्ति सफलता पाएंगे। अविवाहितों के लिए समय अनुकूल रहेगा। सूर्य जब मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु व मीन में आएगा तब-तब सफलता में वृद्धि के अवसर अधिक है।
* अगर आपका मूलांक 2 है तो इस मूलांक का स्वामी चंद्र है। चंद्र वर्ष के स्वामी गुरु का मित्र है। जिनकी जन्म तारीख 2,11, 20, 29 है उनके लिए यह वर्ष अति उत्तम रहेगा। किसी महत्वपूर्ण कार्य में सफलता मिलेगी। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता पाएंगे। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए प्रगतिपूर्ण समय रहेगा। मानसिक सुख-शांति बनी रहेगी। शुभ समाचार मिलेगा। शत्रु प्रभावहीन होंगे। बेरोजगार रोजगार पाने में समर्थ होंगे।
व्यापारी वर्ग अनुकूल स्थिति पाएंगे। दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी।
शुभ रंग- सफेद, नारंगी। शुभ रत्न- मोती के साथ पुखराज। शुभ दिशा- पूर्व। शुभ वार- सोमवार, गुरुवार।
* जिनका मूलांक 3 है उनका स्वामी गुरु है और वर्ष का अंतिम अंक भी तीन ही आ रहा है। दोनों ही गुरु के अंक है। जिनकी जन्म तारीख 3, 12, 21, 30 है उनके लिए यह वर्ष अति उत्तम रहेगा। आपकी पिछले समय से चली आ रही परेशानियां दूर होगी। उन्नति के मार्ग खुलेंगे। पारिवारिक मामलों में अनुकूल स्थिति पाएंगे। अविवाहित भी विवाह के बंधन में बंधने को तैयार रहें। नौकरीपेशा उन्नति पाएंगे। बेरोजगार रोजगार पाने में सफल होगे।
व्यापार-व्यवसाय में सुखद-वातावरण मिलेगा। विशेष परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। शत्रु प्रभावहीन होंगे।
* मूलांक 4 का स्वामी राहु माना गया है। वर्ष का अंक 3 व स्वामी गुरु है। जिनकी जन्म तारीख 4, 13, 22, 31 है उनके लिए यह साल सावधानी रखने का रहेगा। वर्ष का स्वामी गुरु व मूलांक स्वामी राहु में परम शत्रुता है।
गुरु-राहु की युति चांडाल योग बनती है। यह वर्ष काफी सावधानी बरतने का रहेगा। स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। परिवारिक मामलों में सतर्कता रखनी होगी। नौकरीपेशा के लिए सजगता अपेक्षित है।
नवीन रोजगार मई के बाद मिलने के आसार रहेंगे। आर्थिक मामलों में संभलकर चलना होगा। शत्रु पक्ष से बचकर चलें। व्यापार-व्यवसाय में जोखिम के कार्य से बचें।
* जिनका मूलांक 5 है उनका स्वामी बुध माना गया है। वर्ष का स्वामी गुरु है। बुध व गुरु की आपस में समरसता है। जिनकी जन्म तारीख 5, 14, 23 है उनके लिए यह वर्ष उत्तम कहा जा सकता है। आप अपने विवेक का इस्तेमाल कर सफलता पाने में समर्थ होंगे। लेखन से जुड़े व्यक्तियों के लिए समय सुखद रहेगा। विद्यार्थी वर्ग अनुकूल स्थिति पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय में सहयोग द्वारा सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति संतोषजनक वातावरण पाएंगे। आर्थिक, पारिवारिक समय अनुकूल रहेगा।
स्वास्थ्य उत्तम ही रहेगा। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी बनेंगे। कुल मिलाकर समय अनुकूल रहेगा।
* मूलांक 6 का स्वामी शुक्र को माना है। वहीं वर्ष का स्वामी गुरु है। शुक्र गुरु से शत्रुता रखता है लेकिन गुरु, शुक्र से सम भाव रखता है। जिनकी जन्म तारीख 6, 15, 24 है उनके लिए यह वर्ष मिला-जुला रहेगा। कभी उत्तम सफलता तो कभी कम। गुरु जैसे ही वृषभ राशि पर गोचर में आएगा तब वह निष्क्रिय होगा। इस स्थिति में आप मनमाफिक सफलता पाने में सफल होंगे। दांपत्य जीवन खुशहाल रहेगा। आर्थिक सफलता मिलेगी। मकान का सपना पूरा होगा। प्रेम के मामलों में मिली-जुली स्थिति रहेगी।
स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा, लेकिन सतर्कता अवश्य रखना होगी। सौन्दर्य के प्रति रूझान बढ़ेगा। पारिवारिक जिम्मेदारियां अधिक रहेगी। नौकरीपेशा सावधानी रखें। बेरोजगारों के लिए समय परिश्रमपूर्ण रहेगा।
* अगर आपका मूलांक 7 है उसका स्वामी केतु है। गुरु की राशि धनु में केतु उच्च का होता है। वर्ष का अंक तीन है उसका स्वामी गुरु है जो केतु का मित्र है। जिनकी जन्म तारीख 7, 16, 25 है उनके लिए यह वर्ष लाभदायक रहेगा। कार्य में आ रही बाधाएं दूर होगी। महत्वपूर्ण कार्य बनेंगे। कोई ऐसा कार्य होगा जिससे मन प्रसन्न रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में स्वप्रयत्नों से अनुकूल सफलता पाएंगे। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए समय लाभदायक है। पारिवारिक मामलों में अचानक खर्च होगा। अकस्मात धन मिल सकता है।
शत्रु पक्ष पर प्रभाव बना रहेगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। दांपत्य जीवन में मधुर वातावरण रहेगा। विद्यार्थियों के लिए परिश्रमपूर्ण सफलता का समय है। सोचे कार्य समय पर पूरे होने की संभावना अधिक है।
* मूलांक आठ का स्वामी शनि को माना गया है। वर्ष का अंक तीन है जिसका स्वामी गुरु है। गुरु शनि से सम भाव रखता है। शनि की राशि मकर में नीच का होता है। जिनकी जन्म तारीख 8, 17, 26 है उनके लिए यह वर्ष काफी कठिनाई भरा रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। पारिवारिक मामलों में सावधानी रखना होगी। व्यापार-व्यवसाय के मामलों में मई तक जोखिम से बचें। नवीन कार्य योजनाओं में संभल कर चलना होगा।
नौकरीपेशा व्यक्ति अपने कार्य के प्रति लापरवाही ना बरतें। आर्थिक मामलों में मिली-जुली स्थिति पाएंगे। दांपत्य जीवन में सतर्कता रखना होगी। विद्यार्थी वर्ग को पढ़ाई पर ध्यान देना होगा। शत्रु पक्ष प्रभावहीन होंगे। मई के बाद स्थिति में सुधार पाएंगे।
* जिनका मूलांक नौ है उनका स्वामी मंगल है। वर्ष का अंक तीन व स्वामी गुरु है। मंगल व गुरु में आपसी मित्रता है। जिनकी जन्म तारीख 9, 18, 27 है उनके लिए यह वर्ष उत्तम सफलतादायक रहेगा। पारिवारिक मामलों में सुखद स्थिति पाएंगे। दांपत्य जीवन मधुर रहेगा। अविवाहित विवाह के बंधन में बंधेंगे। व्यापार-व्यवसाय में प्रगतिपूर्ण वातावरण रहेगा। मित्रों का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी। सामाजिक कार्यों में सहयोग देना होगा।
नौकरीपेशा लाभान्वित होंगे। विद्यार्थियों के लिए अनुकूल स्थिति पाएंगे। बेरोजगारों को खुशखबरी मिलेगी। शत्रु प्रभावहीन होंगे। समय का सदुपयोग कर कार्य में सफलता पाएंगे। राजनैतिक व्यक्तियों के लिए समय उपयोगी साबित होगा।
शुभ रत्न- मूंगे के साथ पुखराज। शुभ रंग- लाल, पीला, नारंगी, सुनहरा। शुभ वार- मंगल, गुरुवार, रविवार। शुभ दिशा- पूर्व-उत्तर।