तुला लग्न- लग्न का स्वामी शुक्र है। वर्षारंभ में शुक्र की स्थिति चतुर्थ भाव में होकर शनि की मकर राशि में है। सुख भाव का स्वामी शनि लग्न में उच्च का है।
इस प्रकार राशि परिवर्तन राजयोग होने से यह वर्ष आपके लिए अति उत्तम होकर समस्त सफलताओं का रहेगा। परिवारिक सुख शांति के साथ शुभ कार्य संभव है।
संपत्ति के विवाद सुलझना, वाहन सुख मिलना, प्रभाव में वृद्धि होना जैसे लाभ मिलेंगे। दाम्पत्य जीवन के मामलों में सावधानी रखना होगी। दैनिक व्यवसाय में ध्यान देकर चलना होगा।
नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए समय ठीक-ठीक होगा। राजनीतिक व्यक्ति अपने उद्देश्य में सफल होंगे। भाग्येश बुध की सप्तम दृष्टि भाग्य पर होने से भाग्य बलवान होगा। भाग्य भाव में गुरु का होना व उस पर चंद्र की दृष्टि शुभ होकर राजयोगकारी है।
इस वर्ष किसी महत्वपूर्ण पद की आशा कर सकते हैं। धर्म-कर्म में आस्था बढ़ेंगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे। बाहरी मामलों में सावधानी रखना होगी। यात्रा संभल कर करें।