वृषभ लग्न- वर्षारंभ में लग्न का स्वामी शुक्र नवम भाग्य भाव में वक्री होने से परिश्रम द्वारा लाभ की स्थिति रहेगी। सुख भाव चतुर्थ का स्वामी सूर्य अष्टम भाव में पंचमेश व धनेश के साथ-साथ चंद्र से युक्त होने से परिश्रम अधिक करना पड़ सकता है।
सुख के मामलों में मिलीजुली स्थिति रहेगी। संतानादि का सहयोग मिलेगा। पराक्रम के द्वारा आपके कार्य बनेंगे। षष्ट भाव में भाग्येश व कर्मेश राहु से युक्त होने से शत्रु की चालें नाकाम होंगी।
स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। नौकरीपेशा लाभान्वित होंगे। नौकरी व व्यापार में उन्नति के साथ लाभ रहेगा। 20 जून के बाद आर्थिक प्रगति के योग उत्तम है।
पारिवारिक मामलों में समय का सदुपयोग करें। अनुकूल स्थिति रहेगी। दैनिक व्यवसाय व बाहरी संपर्कों से लाभ रहेगा। यात्रा के योग भी बन सकते हैं। इस वर्ष ओपल व पन्ना अवश्य पहनें।