लग्नानुसार जानें आपका वार्षिक भविष्यफल
मेष लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में लग्न व अष्टम भाव का स्वामी मंगल सप्तम में शुक्र की मित्र राशि तुला में बैठा है। दाम्पत्य जीवन में सावधानी रखना होगी। दैनिक कार्यों में सतर्कता रखें। नौकरीपेशा व्यक्तियों कार्य में संतोषजनक स्थिति पाएंगे।
व्यापार-व्यवसाय में प्रगति होगी। पिता का सहयोग अनुकूल रहेगा। अधिकार क्षेत्र में वृद्धि होगी, महत्वाकांक्षाएं बढ़ेगी। शत्रु पक्ष से शांति नीति द्वारा सफल होंगे। संतान के कार्य में प्रगति आएगी। मनोरंजन के साधनों में वृद्धि होगी। धर्म-कर्म में खर्च होगा। आर्थिक प्रयासों में परिश्रम द्वारा सफल होंगे। अविवाहितों के लिए समय ठीक रहेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होंगे। विद्यार्थी वर्ग के लिए समय प्रसन्नतादायक रहेगा।
भाग्य में चली आ रही बाधा भी दूर होगी। किसी महत्वपूर्ण काम में सफल होंगे। राजनीति से जुड़े व्यक्ति भी अपने कार्य में सफल होंगे। वाहनादि संभल कर चलाएं। आग या आग से संबंधित कार्यों में संभलकर चलना होगा। आर्थिक बचत के योग भी बनेंगे। कुटुंब के व्याक्तियों का सहयोग मिलेगा।
विशेष- इस वर्ष पुखराज के साथ मूंगा पहनें। सवा पाव खड़े मसूर लाल कपड़े में बांधकर दान करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
वृषभ लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में लग्न व षष्ट भाव का भावाधिपति शुक्र सप्तम भाव में मंगल की राशि वृश्चिक में शनि की युति कर रहा है। दाम्पत्य जीवन अनुकूल होगा फिर भी वाद-विवाद से बचकर चलें। अविवाहितों के लिए वर्ष 2016 कुछ खास नहीं है। विवाह की स्थिति टालना बुद्धिमानी होगी। भाग्य में वृद्धि होगी। रूके काम बनेंगे।
व्यापार व्यवसाय में अनुकूल स्थिति रहेगी। स्वप्रयत्नों से सफल होंगे। जनता पक्ष के कार्य में सफल होंगे। मातृ पक्ष से चिंता दूर होगी। शत्रु पक्ष प्रभावहीन होंगे। कर्ज से छुटकारा मिलेगा। बाहरी संबंधों में सुधार होगा। यात्रा के योग भी है। स्वास्थ्य के मामलों में वर्ष साधारण कहा जा सकता है।
संतान पक्ष के कार्यों में सावधानी रखना होगी। विद्यार्थी वर्ग अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। गुप्त धन या गुप्त विद्याओं में सफल होंगे। पारिवारिक मामलों में सहयोग मिलेगा। घर-परिवार में शुभ कार्य हो सकते हैं। अकस्मात लाभ के साथ खर्च भी है।
विशेष- इस वर्ष हीरा पहनें एवं प्रति शुक्रवार के दिन स्नान करते वक्त थोड़ा-सा दही जल में डालकर स्नान करें।
मिथुन लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में लग्न व चतुर्थ भाव का स्वामी बुध अष्टम में शनि की राशि मकर में है। कार्य तो बनेंगे, लेकिन परिश्रम करना पड़ेगा। पारिवारिक मामलों में समझदारी से चलना होगा। वाद-विवाद ना करें। घरेलू मामले शांति से सुलझाएं। स्वास्थ्य के मामलों में समय उत्तम है। आय में वृद्धि होगी। ख्याति मिलेगी।
संतान पक्ष के मामलों में मिलीजुली स्थिति रहेगी। विद्यार्थी वर्ग को काफी ध्यान देना होगा। बगैर परिश्रम के उत्तम सफलता की आस करना बेमानी है। मातृ पक्ष से थोड़ी चिंता हो सकती है, लेकिन यह चिंता अधिक समय तक नहीं रहेगी। पराक्रम में यथेष्ट वृद्धि मिलेगी। साझेदारी में सफलता पाएंगे।
दाम्पत्य जीवन में सुखद वातावरण पाने में समर्थ होंगे। व्यापार व्यवसाय में प्रगति व सफलता का समय रहेगा। बेरोजगार रोजगार पाने में समर्थ होंगे। शत्रु पक्ष पर प्रभाव बना रहेगा। कर्ज की स्थिति में सुधार होगा।
विशेष- इस वर्ष बुधवार के दिन गाय को मूंग की दाल खिलाएं। पन्ना के साथ ओपल पहनें। हरा रूमाल रखें व विद्यार्थी वर्ग हरे पेन का इस्तेमाल करें।
कर्क लग्न : कैस रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में चन्द्र की स्थिति राहु के साथ तृतीय भाव में होने से मानसिक चिंता रह सकती है। पराक्रम में कमी आ सकती है। छोटे भाई-बहन की चिंता रह सकती है। दाम्पत्य जीवन में बदलाव आ सकता है, लेकिन यह बदलाव अनुकूल होगा। दैनिक व्यवसाय में सुधार होगा। भाग्य में वृद्धि होगी।
धर्मकर्म में आस्था बढ़ेगी। कुटुंब के व्यक्तियों का सहयोग मिलेगा। आर्थिक मामलों में उत्तम स्थिति रहेगी। बचत के योग बनेंगे। विद्यार्थी वर्ग अपने उद्देश्य में सफल होंगे। वाद-विवाद प्रतियोगिता व प्रशासनिक परीक्षा में सतर्क रहना होगा। पढ़ाई पर ध्यान देना होगा, तभी सफलता का स्वाद मिलेगा।
शत्रु पक्ष पर प्रभाव बना रहेगा। व्यापार व्यवसाय में उन्नति के योग हैं। नौकरीपेशा के लिए समय सुखद है। पिता का सहयोग मिलेगा। मन प्रसन्न रहेगा। लेखन कार्य से जुड़े व्यक्तियों को थोड़ा संभल कर चलना होगा।
विशेष- इस वर्ष मोती अवश्य पहनें। रात में दूध का न सेवन करें। राहु की शांति कराएं। भूरा कंबल दान करें।
सिंह लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में लग्न का स्वामी सूर्य पंचम भाव में मित्र राशि गुरु का होकर धनु में है अत: संतान का लाभ मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग के लिए समय अनुकूल है। वाद-विवाद प्रतियोगिता में सफल होंगे। नवीन कार्य-योजना में सफलता मिलेगी। गुरु की स्थिति लग्न में होने से राशि परिवर्तन का उत्तम राजयोग बनता है।
समस्त कार्य अगस्त के पहले निपटा लेना बुद्धिमानी होगी। दाम्पत्य जीवन में मिलीजुली स्थिति रहेगी। भाग्य में यथेष्ट वृद्धि होगी। प्रसन्नता बढ़ेगी। व्यापार-व्यवसाय में सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा के लिए समय सुखद है। आर्थिक मामलों में संभल कर चलें, अन्यथा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
पारिवारिक मामलों में सतर्क रहें। बड़ों की सलाह लें तो अनुकूल रहेगा। शत्रु पक्ष से राहत मिलेगी। कर्ज की स्थिति को टालें। अगर बहुत जरूरी हो तो ही आवश्यकता अनुसार कर्ज लेवें। स्वास्थ्य अधिकतम ठीक रहेगा। मौसमी बीमारियों से बचकर रहें।
विशेष- इस वर्ष उत्तम सफलता चाहने वालों को पुखराज के साथ माणिक्य धारण करना श्रेष्ठ है। रविवार के दिन सूर्य को दूध-मिश्री मिलाकर जल चढ़ाएं। रविवार को बगैर नमक का भोजन करें।
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कन्या लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में लग्न व दशम का स्वामी बुध शनि की राशि मकर में पंचम भाव में है। अत: राज्य पक्ष मजबूत होगा। व्यापार-व्यवसाय में सुखद स्थिति रहेगी। व्यापार में नवीन बदलाव की संभावना होगी, जो लाभदायक है।
पदोन्नति अपेक्षित है तो व इस वर्ष सफल होंगे। अधिकारी वर्ग के लिए यह वर्ष उत्तम रहेगा। दाम्पत्य जीवन में विवाद की स्थिति बन सकती है, अतः समझदारी से चलें। यात्रा हो सकती है। जिनके विदेश योग लंबे समय से टल रहे हैं वे इस वर्ष सफल होंगे। संचार माध्यम से शुभ समाचार मिलेगा।
लेखन कार्य से जुडे व्यक्ति, पत्रकार, सेल्समेन, ट्रैवल्स से जुडे व्यक्ति लाभान्वित होंगे। धन कुटुंब के मामलों में सावधानी रखना होगी। धन की बचत करना सीखें। फिजूल खर्च ना करें। घर या परिवार में शुभ कार्य हो सकते हैं। बाहरी संबंधों में सुधार होगा। लाभदायक समय रहेगा। सुखद वातावरण रहेगा।
विशेष- इस वर्ष पन्ना अवश्य पहनें। गुरुवार के दिन केसर का तिलक लगाएं। मंदिर में केले का प्रसाद चढ़ाएं। हरा वस्त्र उपयोग में लाएं। विद्यार्थी वर्ग हरा पेन इस्तेमाल करें।
तुला लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में लग्न व अष्टम भाव का स्वामी शुक्र वाणी भाव में शनि के साथ मंगल की राशि वृश्चिक में है अत: बचत के योग कम है, खर्च अधिक रहेंगे। लेकिन मेहनत व लगन से किए गए कार्यों से लाभ की स्थिति रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। साझेदारी के मामलों में सफलता के योग उत्तम है।
ईमानदारी से कमाया धन सुख देने वाला होगा। वाणी में मधुरता रहेगी जो उन्नतिकारक रहेगी। चोट लग सकती है। भाग्य साथ देगा। संपति के कार्यों में सफलता मिलेगी। विवाह आदि के कार्य बनेंगे। दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण बना रहेगा। संतान पक्ष के मामलों में मिलीजुली स्थिति रहेगी। विद्यार्थी वर्ग को ध्यान रखकर चलना होगा। माता से सुखद स्थिति पाएंगे। राजनीति से जुडे व्यक्ति सावधान रहें। नौकरीपेशा अपने कार्य के प्रति सजग रहे।
विशेष- इस वर्ष भाग्य में वृद्धि व पारिवारिक सुख-शांति के लिए पन्ना पहनें। विद्यार्थी वर्ग नीला रूमाल व नीले पेन का इस्तेमाल करें।
वृश्चिक लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में लग्न का स्वामी मंगल शत्रु राशि तुला में होने से बाहरी मामलों में सावधानी बरतना होगी। यात्रा में संभल कर चलना होगा। हो सके तो यात्रा से बचें। शत्रु वर्ग से राहत मिलेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से समय ठीक कहा जा सकता है। अविवाहितों के लिए समय उत्तम है। दाम्पत्य जीवन में सुख की स्थिति रहेगी। दैनिक व्यवसाय में सहयोगी समय व्यतीत होगा। पराक्रम में वृद्धि होगी। छोटे भाइयों का सहयोग मिलेगा।
नौकरीपेशा के लिए अगस्त तक का समय प्रगतिवादी है। शेष समय मिलाजुला रहेगा। पिता के कार्य में सहयोग देना होगा। आर्थिक मामलों में कभी लाभ-कभी खर्च की अधिकता रहेगी। पारिवारिक मामलों में सावधानी रखना होगा। मानसिक अस्थिरता से बचें। एकचित्त होकर कार्य करें। जोखिम के कार्यों में धन लगाने से बचें।
कुटुंब के व्यक्तियों का सहयोग मिलेगा। धनेश कर्म में कर्मेश धन में होने से आपके कर्मानुसार लाभ मिलेगा। यश बना रहेगा।
विशेष- इस वर्ष कच्ची जमीन पर एक चम्मच तिल का तेल प्रति शनिवार को गिराएं। पुखराज के साथ मूंगा पहनना लाभदायक रहेगा।
धनु लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में लग्न व चतुर्थ भाव का स्वामी गुरु नवम भाव में सूर्य की राशि सिंह में है। भाग्य भाव का भावाधिपति सूर्य लग्न में राशि परिवर्तन का राजयोग बना रहा है अत: सभी महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता अर्जित करेंगे। भाग्य की प्रबल स्थिति रहेगी। धर्म-कर्म में आस्था का संचार होगा। पिता का सहयोग अनुकूल रहेगा।
नौकरीपेशा के लिए समय पदोन्नति का है। व्यापार-व्यवसाय में प्रगति होगी। प्रभाव में वृद्धि होगी। महत्वाकांक्षाएं पूरी होंगी। मन प्रसन्नता से भरपूर रहेगा। संतान लाभ मिलेगा। विद्या के क्षेत्र में सफल होंगे। वाद-विवाद प्रतियोगिता में सफल होंगे। बेरोजगार रोजगार पाने में समर्थ होंगे।
राजनीति से जुड़े व्यक्ति सुखद स्थिति पाएंगे। पारिवारिक मामलों में संतोषजनक स्थिति रहेगी। मातृ पक्ष से प्रसन्नता व सहयोग मिलेगा। यात्रा के योग बन रहे हैं, लेकिन सावधानी रखना होगी। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे। स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
विशेष- इस वर्ष आप पुखराज के साथ माणिक पहनें तो अधिक से अधिक लाभ पाने में समर्थ होंगे। पीला तिलक व पीला रूमाल रखना भी लाभदायक रहेगा। विद्यार्थी वर्ग पीले रंग का पेन इस्तेमाल करें।
मकर लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में लग्न व द्वितीय भाव का स्वामी शनि एकादश भाव में मंगल की राशि वृश्चिक में शुक्र के साथ है अत: संतान पक्ष के कार्य बनेंगे। मनोरंजन के साधनों में वृद्धि होगी। लेखन कार्य से जुडे व्यक्ति अनुकूल स्थिति पाएंगे। प्रेम मामलों में सफल होंगे। अविवाहितों के लिए समय उत्तम है। प्रसन्नतादायक समाचार मिलने की उम्मीद है।
साझेदारी के मामलों में संभलकर चलें। पारिवारिक मामलों में अनुकूल स्थिति रहेगी। मकान-भूमि संबंधित कार्य बनेंगे। मातृ पक्ष से प्रसन्नता रहेगी। वर्षारंभ में विपरित राजयोग बनने से सभी महत्वपूर्ण कार्य बनेंगे। प्रसिद्धि मिलेगी। भाग्य में सुधार होगा। नौकरीपेशा के लिए यह वर्ष मिलाजुला है।
व्यापार-व्यवसाय में नवीन कार्य से बचें। प्रभाव में यथेष्ट वृद्धि होगी। आर्थिक प्रयासों में मिलीजुली स्थिति रहेगी। ज्यादा जोखिम के मामलों में धन लगाने से बचें। दाम्पत्य जीवन में मिलीजुली स्थिति रहेगी। शत्रु वर्ग पर प्रभाव बना रहेगा।
विशेष- इस वर्ष शनि का अनुकूल प्रभाव पाने के लिए कच्ची जमीन पर तिल का तेल एक चम्मच प्रति शनिवार को गिराएं। शनि मंत्र का जाप अनुकूल साबित होगा। मंत्र इस प्रकार है - ॐ शं शनैश्चराय नमः।
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कुंभ लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में लग्न का स्वामी व द्वादश का स्वामी शनि दशम भाव में मंगल की राशि वृश्चिक में शुक्र के साथ है। व्यापार-व्यवसाय के मामलों में सतर्कता रखें, तभी इच्छित सफलता पाने में समर्थ होंगे।
नौकरीपेशा को काफी सावधानी से चलें। अपने काम से मतलब रखें। अधिकारी वर्ग से मिलकर चलें। आर्थिक मामलों में सफल रहेंगे। दैनिक रोजगार से जुडे व्यक्ति अनुकूल स्थिति पाएंगे। दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण बना रहेगा। अविवाहितों के लिए यह वर्ष सुखद है।
विदेशों में पढ़ाई करने जाने वालों के लिए यह वर्ष अनुकूल है। स्त्री पक्ष से धन लाभ की उम्मीद कर सकते हैं। शत्रु पक्ष मिलाजुला रहेगा। पारिवारिक मामलों में अनुकूल स्थिति रहेगी। शुभ कार्यों में खर्च होगा। संतान पक्ष में सुखद वातावरण रहेगा। कर्ज है तो स्थिति वर्ष भर बनी रहने की संभावना है। पराक्रम में वृद्धि होगी। छोटे भाइयों का सहयोग मिलेगा।
विशेष- इस वर्ष शनि की शांति करवाना लाभदायक रहेगा। कच्ची जमीन पर एक चम्मच तिल तेल प्रति शनिवार को गिराएं। सूर्योपासना लाभदायक रहेगी।
मीन लग्न : कैसा रहेगा वर्ष 2016
वर्षारंभ में मीन लग्न का स्वामी व दशम भाव का भावाधिपति गुरु षष्ट भाव में सूर्य की राशि सिंह में है। कर्ज की स्थिति में सुधार होगा। परिश्रम द्वारा व्यापार-व्यवसाय की उन्नति में समर्थ होंगे। नौकरी पेशा के लिए समय अनुकूल रहेगा। पिता को सहयोग देना पड़ सकता है।
राजनीति से जुड़े व्यक्ति सहयोग द्वारा सफल होंगे। स्त्री पक्ष से आर्थिक लाभ के योग बनेंगे। दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण बना रहेगा। शत्रु पक्ष पर अपनी सफल नीतियों द्वारा सफलता पाएंगे। धन-कुटुंब से जुड़े मामलों में अनुकूल स्थिति पाएंगे।
भाग्य में कुछ बाधाओं के बाद अनुकूल स्थिति रहेगी। पराक्रम बढ़ेगा। संचार माध्यम से शुभ समाचार सुनने को मिलेगा। छोटे भाई-बहनों से सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी। अगस्त बाद स्वयं के प्रभाव में वृद्धि होगी। महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में सफल होंगे। स्त्री की ओर से प्रसन्नतादायक समाचार मिलेगा।
विशेष- इस वर्ष उत्तम लाभ के लिए मोती के साथ पुखराज अवश्य धारण करें। पीली गाय को पांच केले गुरुवार के दिन खिलाना लाभदायक रहेगा। केसर का लंबा तिलक भी सुखदायक रहेगा।