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किस राशि के लिए कैसा है यह नया साल 2017 .... जानिए विस्तार से

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पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे

नए साल के नए जगमगाते सितारे हर किसी की जिंदगी में बदलाव लाते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेन्द्र बिल्लौरे बता रहे हैं हर राशि का हाल .... आइए जानें क्या है इस नए साल में आपके लिए.... 

मेष : चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ।
 
मेष राशि का अश्विनी, भरणी और कृत्तिका नक्षत्र के प्रथम चरण के संयोग से निर्माण हुआ है। 
 
मेष राशि वाले जातकों के लिए यह वर्ष शनि के ढैया वाला रहेगा जिससे मन में भय बना रहेगा व स्नायविक रोग, अशांति, एक्सीडेंट, चोट, राजनीति में विरोधी हावी होंगे। 17 फरवरी 2017 से शनि का ढैया समाप्त होने से आपको धीरे-धीरे सफलता मिलना प्रारंभ हो जाएगी। माता को शारीरिक कष्ट हो सकता है। विद्यार्थी वर्ग के लिए यह वर्ष अच्छा रहेगा। व्यापारी वर्ग के लिए मध्यम रहेगा एवं कृषक वर्ग के लिए परेशानी वाला रहेगा। महिला वर्ग के लिए यह वर्ष अच्छा रहेगा। 
 
अप्रैल, जून, सितंबर अच्छे रहेंगे। 
इस वर्ष शिव-शक्ति आराधना लाभप्रद रहेगी।

यह भी पढ़ें : मेष राशि वालों के लिए कैसा होगा वर्ष 2017

 

वृषभ : ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो।
 
वृषभ राशि का निर्माण कृत्तिका नक्षत्र के 3 चरणों, रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम और द्वितीय चरणों से हुआ। 
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वृषभ राशि वाले जातकों के लिए यह वर्ष शुभाशुभ वाला रहेगा। चलित वस्तुओं को लेकर चिंता रहेगी। व्यापारी एवं अधिकारी सर्विस वालों के लिए यह वर्ष मध्यम रहेगा। नौकरी एवं कारोबार के साथ स्थान परिवर्तन हो सकता है। व्यापारी वर्ग के लिए यह वर्ष अच्छी सफलता वाला रहेगा। कृषि कारोबार मध्यम रहेगा। पार्टनरशिप व्यापार में असंतुष्टि रहेगी। भूमि के सौदों में हानि हो सकती है। मां को कष्ट हो सकता है। 
 
मार्च, मई, सितंबर, दिसंबर अच्छे रहेंगे। 
इस वर्ष शनि आराधना लाभप्रद रहेगी। 
 

मिथुन : का, की, कु, घ, ड, छ, के, को, हा। 
 
मृगशिरा नक्षत्र के तृतीय और चतुर्थ चरण, आर्द्रा नक्षत्र और पुनर्वसु के 3 चरणों के संयोग से मिथुन राशि का निर्माण हुआ। 
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मिथुन राशि वाले जातकों के लिए यह वर्ष अनुकूल और यश, सफलता देने वाला है। भाग्य व धन-संपत्ति को लेकर उत्तम योग हैं। व्यापार में वृद्धि होगी। शारीरिक कष्ट हो सकता है। परिवार में मतभेद रहेगा। विद्यार्थी को सफलता मिलेगी। कृषि में लाभ होगा। संतान सुख वाला रहेगा। घर में धार्मिक अनुष्ठान के योग। राजनीति में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। स्त्री को सुख मिलेगा 
 
जनवरी, जून, जुलाई, अगस्त, अच्छे रहेंगे।
इस वर्ष हनुमानजी की आराधना लाभप्रद रहेगी। 
 

कर्क : ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, ओ। 
 
कर्क राशि पुनर्वसु नक्षत्र के चतुर्थ चरण, पुष्य और आश्लेषा नक्षत्रों के सहयोग से बनी है।
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कर्क राशि वाले जातकों के लिए यह वर्ष उपलब्धि वाला रहेगा, परंतु संघर्षमय भी रहेगा। लेन-देन सावधानी से करें। संतान से असंतुष्टि रहेगी व उसकी चिंता रहेगी। राजनीति में तनाव व मतभेद रहेगा। विद्यार्थी को असफलता मिलेगी। व्यापार व नौकरी वाले जातकों के लिए यह वर्ष मध्यम रहेगा। धार्मिक अनुष्ठान रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कृषि वर्ग के लिए उत्तम रहेगा। 
 
मार्च, मई, नवंबर, दिसंबर अच्छे रहेंगे।
इस वर्ष शिव-शक्ति आराधना लाभप्रद रहेगी। 

सिंह : मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे। 
 
सिंह राशि मघा, पूर्वा फाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण के संयोग से बनी है। 
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सिंह राशि वाले जातकों के लिए इस वर्ष शनि का ढैया चल रहा है। मन में भय व दुविधाएं रहेंगी। स्वास्थ्य से स्नायविक कमजोर, पेट के रोग व चलने-फिरने में पीड़ा रहेगी। स्थायी संपत्ति में व्यय होगा। स्वजनों से संघर्ष, अशांति व असंतोष रहेगा। धार्मिक कार्यों में प्रतिष्ठा, पद व सम्मान के योग हैं। पारिवारिक तनाव रहेगा। विद्यार्थी को सफलता मिलेगी। 
 
फरवरी, अगस्त, अक्टूबर, दिसंबर अच्छे रहेंगे। 
इस वर्ष राहु आराधना लाभप्रद रहेगी। 
 

कन्या : टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो।
 
कन्या राशि उत्तरा फाल्गुनी के 3 चरण, हस्त एवं चित्रा नक्षत्र के 2 चरणों से बनी है। 
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कन्या राशि वाले जातकों के लिए यह वर्ष उपलब्धि वाला रहेगा। भाई-बंधुओं से मतभेद रहेगा। नौकरी में उन्नति मिलेगी। व्यापार में वृद्धि होगी। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। यह वर्ष परिवार के साथ शांति से निकलेगा। माता-पिता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विद्यार्थी को सफलता मिलेगी। स्थायी प्रॉपर्टी एवं वाहन के योग बनेंगे।
 
मार्च, अप्रैल, जुलाई, दिसंबर अच्छे रहेंगे।
इस वर्ष राम आराधना लाभप्रद रहेगी। 

तुला : रा, रि, रु, रे, रो, ता, ती, तु, ते। 
 
तुला राशि चित्रा नक्षत्र के 2 चरणों स्वाति और विशाखा नक्षत्र के 3 चरणों से बनी है। 
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तुला राशि वाले जातकों के लिए यह वर्ष साढ़े साती के अंतिम चरण वाला रहेगा, परंतु तुला राशि पर शनि कारक होने से शनि के ढैया का असर कम रहेगा। 17 फरवरी 2017 से साढ़े साती की ढैया समाप्त हो जाएगी। राजनीति में उच्च पद के योग हैं। व्यापारी वर्ग बहुत खुश रहेंगे। कृषि में अच्छी उन्नति होगी व नौकरी में अधिकारी परेशान करेंगे। माता को कष्ट, किसी मित्र से सहयोग प्राप्त होगा। घर में मांगलिक कार्य होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, परंतु परिवार में अशांति रहेगी। आर्थिक खर्च में गुरु के 8वें होने से वृद्धि होगी। इस पूरे वर्ष में आपको गुरु व कृष्ण आराधना करना चाहिए। 
 
मार्च, मई, सितंबर एवं दिसंबर अच्छे रहेंगे।
इस वर्ष गायत्री मंत्र व शनि आराधना लाभप्रद रहेगी। 

वृश्चिक : तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू।
 
वृश्चिक राशि विशाखा नक्षत्र के 1 चरण तथा अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र से बनी है। 
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वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए वर्ष पर दूसरा चरण साढ़े साती का चल रहा है। यह वर्ष आपके लिए संघर्ष एवं तनावपूर्ण रहेगा। आपकी राशि शनि की शत्रु राशि है। आपको संकटों, तंगाई व जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। माता-पिता, पत्नी एवं स्वयं के स्वास्थ्य को लेकर परेशानी आ सकती है या एक्सीडेंट होना संभव है अत: सावधानी रखिएगा। फरवरी 2017 से राहत मिलना शुरू हो जाएगी। कृषि में हानि होगी। व्यापार मध्यम रहेगा। नौकरी बदलने की भावना रहेगी, परंतु परिवर्तन से स्थिति बिगड़ सकती है और संकट बढ़ जाएंगे। नौकरी न बदलने का प्रयास ही उत्तम रहेगा। 
 
मार्च, मई, अक्टूबर, नवंबर अच्छे रहेंगे।
इस वर्ष शनि व राहु आराधना लाभप्रद रहेगी। 

धनु : ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे।
 
धनु राशि मूल, पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा के प्रथम चरण से बनी है। 
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धनु राशि वाले जातकों के लिए इस वर्ष पर साढ़े साती का प्रथम चरण चल रहा है। व्यापार में बाधाएं बढ़ेंगी। जोखिम के कार्य नहीं करें। गलत कारोबार वालों से दूर रहें। स्व कुटुंब और आत्मीय व स्वजनों से अति असंतोष रहेगा। किसी अपनों से ही धोखा मिलना संभव है। स्त्री का सहयोग एवं आत्मबल बढ़ेगा। कृषि हानि देगी। व्यापार में संकट रहेगा। स्वयं व माता-पिता के स्वास्थ्य को लेकर परेशानी आ सकती है, ध्यान दें। विद्यार्थी एवं नौकरी वालों के लिए यह वर्ष मध्यम रहेगा। 
 
जनवरी, मार्च, जून, अक्टूबर अच्छे रहेंगे। 
इस वर्ष गुरु आराधना लाभप्रद रहेगी। 

मकर : भो, जा, जी, खू, खे, खो, गा, गी। 
 
मकर राशि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के 3 चरणों, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र के 2 चरणों से बनी है। 
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मकर राशि वाले जातकों के लिए यह वर्ष भूमि-भवन का लाभ वाला रहेगा। राजनीति वालों को लाभ मिलेगा। नौकरी में अधिकारियों से सहयोग मिलेगा। 17 फरवरी 2017 से शनि की साढ़े साती की चाल प्रारंभ हो जाएगी। राशि स्वामी शनि होने से कम प्रभाव रहेगा फिर भी शारीरिक कष्ट रहेगा विशेषकर स्नावयिक विकार रोग हो सकता है। घर में तनाव व अशांति का वातावरण रहेगा। श्रमिक वर्ग के लिए यह वर्ष सफलता वाला रहेगा। कृषक वर्ग के लिए मध्यम रहेगा। विद्यार्थी वर्ग के लिए भी ठीक रहेगा।
 
फरवरी, अप्रैल, जून, दिसंबर शुभ रहेगा। 
पूरे वर्ष शनि व राहु आराधना लाभप्रद रहेगी। 

कुंभ : गु, गे, गो, सा, सी, सु, से, सो, दा।
 
कुंभ राशि धनिष्ठा के 2 चरणों, शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के 3 चरणों से बनी है। 
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कुंभ राशि वाले जातकों के लिए यह वर्ष मिश्रित फल वाला रहेगा। पद-प्रतिष्ठा प्राप्त करने में रुकावट आएगी। स्वयं व पत्नी को शारीरिक कष्ट हो सकता है। संतान संबंधी परेशानी रहेगी। राजकीय वर्ग भी परेशान रहेगा। व्यापारी वर्ग को संघर्ष का सामना करना पड़ेगा। कृषि वर्ग के लिए अच्छा वर्ष रहेगा। सितंबर माह से सभी जातकों को राहत मिलेगी। विद्यार्थी वर्ग के लिए यह वर्ग ठीक-ठीक रहेगा। गुरु की स्थिति आर्थिक खर्च में वृद्धि कर सकती  है। गुरु आपके परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर खर्चकारक रहेगा। 
 
मार्च, अप्रैल, मई अगस्त, अच्छे रहेंगे। 
इस वर्ष शिव व हनुमानजी आराधना लाभप्रद रहेगी। 

मीन : दी, दू, थ, झ, य, दे, दो, चा, ची। 
 
मीन राशि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के चतुर्थ चरण, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र से बनी है। 
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मीन राशि वाले जातकों के लिए यह वर्ष क्रमश: सुधार का समय है। संघर्षों व संकटों से मुक्ति मिलेगी। मान-प्रतिष्ठा में बाधा आएगी, परंतु फिर भी प्रगति का क्रम धीमा होने से मन उद्विग्न रहेगा। उतार-चढ़ाव अभी चल रहा है। मन विचलित व अशांत रहेगा। भाई-बहन के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विद्यार्थी को सफलता मिलेगी। नौकरी में उन्नति होगी। कृषि वर्ग को लाभ होगा। व्यापारी व अधिकारी के लिए संघर्ष का समय है। दिसंबर से मार्च माह तक व्यय अधिक संघर्ष व तनाव रहेगा। 
 
जनवरी, जून, सितंबर, दिसंबर अच्छे रहेंगे।
इस वर्ष देवी व राहु आराधना लाभप्रद रहेगी। 

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