कर्क राशि- ही, हु, हे, हो, डा, डी, ड, डे, डो
परिवार
पारिवारिक मामलों में बाधाएं आ सकती हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वर्षारंभ में संतान को लेकर समस्या रहेगी, इस कारण आपसी मनमुटाव या तनाव भी हो सकता है। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। परिवार के बुजुर्ग का सहयोग लेते हैं तो पारिवारिक समस्या का हल निकल जाएगा व प्रसन्नता भी रहेगी।
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष सामान्य है। पेट संबंधी समस्या आ सकती है। सीने में जलन या गैस संबंधित समस्या आ सकती है। खान-पान पर ध्यान दें। संतुलित आहार लेना उपयुक्त रहेगा। सेहत की कोई भी परेशानी हो तो तुरंत ही चिकित्सक की सलाह लें। रोग भाव का स्वामी गुरु चतुर्थ भाव से गोचरीय भ्रमण कर रहा है अत: कोई गंभीर बीमारी के कारण परिवार में तनाव हो सकता है।
धन-संपत्ति
आर्थिक मामले में यह वर्ष बहुत ज्यादा सुखद न होकर सामान्य रहेगा, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। आपको कुछ ज्यादा नुकसान नहीं होगा। मामूली उतार-चढ़ाव तो चलता है। जितना परिश्रम करोगे उतना लाभ मिलेगा। अन्य स्रोत से भी धन का लाभ मिलता रहेगा। अनावश्यक खर्च से बचें, बाकी सब ठीक रहेगा।
नौकरीपेशा
यह वर्ष नौकरीपेशा के लिए सफलता और प्रतिष्ठा के साथ उन्नतिदायक होगा। छठे भाव का स्वामी गुरु का गोचरीय भ्रमण चतुर्थ भाव यानी कर्म स्थान को देख रहा है। बेरोजगारों को नौकरी पाने के प्रबल योग हैं। यदि नौकरीपेशा हैं तो पद-प्रतिष्ठा या पदोन्नति हो सकती है। प्रमुख अधिकारी व अधीनस्थ के साथ वार्तालाप में मधुरता रखें तो ही लाभ मिलेगा। कान के कच्चे हैं तो यह आदत तुरंत बदलें।
व्यवसाय
व्यापार-व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष लाभ प्रदान करने वाला है। व्यापारी वर्ग इस साल अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। यदि आपका अपना व्यवसाय है तो उस क्षेत्र में मान-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। यदि आप कोई बड़ा कर्ज लेने की योजना बना रहे हैं तो उसमें सफलता मिलेगी और इस कर्ज को आप अपने व्यापार में लगा सकते हैं। व्यापार में विरोधी के कारण सावधानी बरतना होगी। क्रोध को काबू में रखें। यदि मंगल या गुरु की दशा या अंतरदशा चल रही है तो व्यापार में अधिक वृद्धि होने की संभावना होगी। शनि की दशा अंतरदशा वाले संभलकर व्यापार करें।
इस साल निवेश सोच-समझकर ही करें। वाद-विवाद से बचना होगा। संयम आपके लिए अनुकूल वातावरण पैदा करेगा। नौकरीपेशा अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ विवाद से बचें। बुध, गुरु का प्रभाव अच्छा नहीं है। यदि इस ग्रह की दशा अंतरदशा चल रही है तो उपाय करना चाहिए।
अशुभ स्थिति में यह उपाय करें
गुरु तुला राशि में जब तक भ्रमण करें, तब तक विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें तथा गुरुवार को व्रत रखें। दत्त भगवान के मंदिर में प्रति गुरुवार 5 केले चढ़ाएं। महिलाएं गुरुवार को हल्दी का टीका मस्तक पर लगाएं।