साल 2020 राजनीतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और भौगोलिक दृष्टिकोण से कई शुभ संयोग लेकर आ रहा है। खासकर युवाओं के लिए शिक्षा, रोजगार के नए अवसर सामने आएंगे। साथ ही पर्यावरण के प्रति सोच बदलेगी और स्वच्छ, स्वस्थ वातावरण का निर्माण होगा। यह सब नए साल में बुध ग्रह के प्रभाव से संभव होगा।
अंग्रेजी नए साल और हिंदू नए साल दोनों में एक खास समानता दिखाई देगी। अंग्रेजी साल 2020 और हिंदू संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2077 की शुरुआत बुधवार से हो रही है, चूंकि बुध ग्रह को व्यापार-व्यवसाय का कारक ग्रह माना जाता है। साथ ही बुध को ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है इसलिए युवा वर्ग को व्यापार-व्यवसाय में रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। जो युवा नए साल में व्यापार शुरू करेंगे उन्हें उत्तरोत्तर प्रगति मिलेगी।
बुध ग्रह को कन्या राशि का स्वामी माना जाता है। कन्या लग्न में ही नया साल शुरू हो रहा है इसलिए पूरे साल बुध ग्रह का प्रभाव रहेगा। नया साल महिलाओं के लिए विशेष फलदायी साबित होगा।
25 मार्च से शुरू हो रहे हिंदू संवत्सर यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को बुधवार होने और नए संवत्सर का राजा भी बुध ग्रह के होने से देश भर में आध्यात्म की गंगा बहेगी। धार्मिक आयोजनों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा। तीर्थयात्रा, भागवत कथा, श्रीराम कथा, शिव महापुराण समेत सभी धर्मों के अनुयायी भक्तिभाव से जुड़ेंगे।
नए साल के पहले दिन 1 जनवरी को रवि सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। बुधवार के दिन रवि सिद्धि योग में शुभ कार्यों की शुरुआत करने से समृद्धि की प्राप्ति होगी।
बुध ग्रह को पर्यावरण का सहायक माना जाता है। बुध ग्रह के प्रभाव से प्राकृतिक वातावरण में हरियाली और ठंडक छाई रहेगी। प्रकृति में गर्मी की अपेक्षा ठंड, नमी और जल तत्व की अधिकता रहेगी। आमजनों के मन में भी पर्यावरण को संरक्षित करने का विचार पैदा होगा और वे पर्यावरण को बचाने जागरूक होंगे।
इससे पूर्व 2014 में भी पूरे साल बुध ग्रह के प्रभाव का संयोग बना था। 6 साल बाद अब 2020 में कन्या लग्न और बुधवार को साल की शुरुआत का संयोग बन रहा है।