विवाह सात जन्मों का बंधन है। इस अटूट बंधन में दो आत्माओं का मिलन होता है। सामाजिक ताने-बाने में उसे पति-पत्नी के रूप में जानते हैं। भारतीय संस्कृति में किसी भी मनुष्य के लिए 4 आश्रम (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास) बताए हैं। इन चारों में गृहस्थ आश्रम की नींव विवाह से ही पड़ती है। शादी के बाद किसी व्यक्ति के जीवन की नई पारी शुरू होती है।
सामाजिक जीवन में नई जिम्मेदारियां आती हैं। जिस प्रकार इन्द्रधनुष में 7 रंग होते हैं, आकाश में सप्त ऋषि होते हैं, उसी तरह से विवाह संस्कार में 7 फेरे होते हैं। शादी में 7 फेरों की रस्म सबसे प्रमुख रस्म होती है। बिना फेरे के विवाह संपन्न नहीं होता है। शादी में होने वाले फेरों का एक विशेष अर्थ होता है।
विवाह मुहूर्त 2020 के इस लेख में मुहूर्त की तिथि को लग्न का ध्यान रखते हुए बनाया गया है। विवाह मुहूर्त की यह सूची वैदिक पंचांग पर आधारित है। अपनी सुविधानुसार आप यहां आसानी से शादी के लिए शुभ मुहूर्त चुन सकते हैं। इसमें लग्न मुहूर्त के लिए दिन, तिथि, वार, नक्षत्र और विवाह मुहूर्त की अवधि भी दी गई है।
शुभ विवाह मुहूर्त 2020 की तिथियां
दिनांक और दिन मास-तिथि नक्षत्र
15 जनवरी, बुध माघ कृ. पंचमी उ. फाल्गुनी नक्षत्र
16 जनवरी, गुरु माघ कृ. षष्ठी हस्त, चित्रा नक्षत्र
17 जनवरी, शुक्र माघ कृ. सप्तमी चित्रा, स्वाति नक्षत्र
18 जनवरी, शनि माघ कृ. नवमी स्वाति नक्षत्र
19 जनवरी, रवि माघ कृ. दशमी अनुराधा नक्षत्र
20 जनवरी, सोम माघ कृ. एकादशी अनुराधा नक्षत्र
26 जनवरी, रवि माघ शु. द्वितीया धनिष्ठा नक्षत्र
29 जनवरी, बुध माघ शु. चतुर्थी उ. भाद्रपद नक्षत्र
30 जनवरी, गुरु माघ शु. पंचमी उ. भाद्रपद, रेवती नक्षत्र
31 जनवरी, शुक्र माघ शु. षष्ठी रेवती, अश्विनी नक्षत्र
1 फरवरी, शनि माघ शु. सप्तमी अश्विनी नक्षत्र
3 फरवरी, सोम माघ शु. नवमी रोहिणी नक्षत्र
4 फरवरी, मंगल माघ शु. दशमी रोहिणी नक्षत्र
9 फरवरी, रवि माघ पूर्णिमा मघा नक्षत्र
10 फरवरी, सोम फाल्गुनी कृ. प्रतिपदा मघा नक्षत्र
11 फरवरी, मंगल फाल्गुनी कृ. तृतीया उ. फाल्गुनी नक्षत्र
14 फरवरी, शुक्र फाल्गुनी कृ. षष्ठी स्वाति नक्षत्र
15 फरवरी, शनि फाल्गुनी कृ. सप्तमी अनुराधा नक्षत्र
16 फरवरी, रवि फाल्गुनी कृ. अष्टमी अनुराधा नक्षत्र
25 फरवरी, मंगल फाल्गुनी शु. द्वितीया उ. भाद्रपद नक्षत्र
26 फरवरी, बुध फाल्गुनी शु. तृतीया उ. भाद्रपद, रेवती नक्षत्र
27 फरवरी, गुरु फाल्गुनी शु. चतुर्थी रेवती नक्षत्र
28 फरवरी, शुक्र फाल्गुनी शु. पंचमी अश्विनी नक्षत्र
10 मार्च, मंगल चैत्र कृ. प्रतिपदा हस्त नक्षत्र
11 मार्च, बुध चैत्र कृ. द्वितीया हस्त नक्षत्र
16 अप्रैल, गुरु वैशाख कृ. नवमी धनिष्ठा नक्षत्र
17 अप्रैल, शुक्र वैशाख कृ. दशमी उ. भाद्रपद नक्षत्र
25 अप्रैल, शनि वैशाख शु. द्वितीया रोहिणी नक्षत्र
26 अप्रैल, रवि वैशाख शु. तृतीया रोहिणी नक्षत्र
1 मई, शुक्र वैशाख शु. अष्टमी मघा नक्षत्र
2 मई, शनि वैशाख शु. नवमी मघा नक्षत्र
4 मई, सोम वैशाख शु. एकादशी उ. फाल्गुनी हस्त नक्षत्र
5 मई, मंगल वैशाख शु. त्रयोदशी हस्त नक्षत्र
6 मई, बुध वैशाख शु. चतुर्दशी चित्रा नक्षत्र
15 मई, शुक्र ज्येष्ठ कृ. अष्टमी धनिष्ठा नक्षत्र
17 मई, रवि ज्येष्ठ कृ. दशमी उ. भाद्रपद नक्षत्र
18 मई, सोम ज्येष्ठ कृ. एकादशी उ. भाद्रपद, रेवती नक्षत्र
19 मई, मंगल ज्येष्ठ कृ. द्वादशी रेवती नक्षत्र
23 मई, शनि ज्येष्ठ शु. प्रतिपदा रोहिणी नक्षत्र
11 जून, गुरु आषाढ़ कृ. षष्ठी धनिष्ठा नक्षत्र
15 जून, सोम आषाढ़ कृ. दशमी रेवती नक्षत्र
17 जून, बुध आषाढ़ कृ. एकादशी अश्विनी नक्षत्र
27 जून, शनि आषाढ़ शु. सप्तमी उ. फाल्गुनी नक्षत्र
29 जून, सोम आषाढ़ शु. नवमी चित्रा नक्षत्र
30 जून, मंगल आषाढ़ शु. दशमी चित्रा नक्षत्र
27 नवंबर, शुक्र कार्तिक शु. द्वादशी अश्विनी नक्षत्र
29 नवंबर, रवि कार्तिक शु. चतुर्दशी रोहिणी नक्षत्र
30 नवंबर, सोम कार्तिक पूर्णिमा रोहिणी नक्षत्र
1 दिसंबर, मंगल मार्गशीर्ष कृ. प्रतिपदा रोहिणी नक्षत्र
7 दिसंबर, सोम मार्गशीर्ष कृ. सप्तमी मघा नक्षत्र
9 दिसंबर, बुध मार्गशीर्ष कृ. नवमी हस्त नक्षत्र
10 दिसंबर, गुरु मार्गशीर्ष कृ. दशमी चित्रा नक्षत्र
11 दिसंबर, शुक्र मार्गशीर्ष कृ. एकादशी चित्रा नक्षत्र