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चंद्रमा देता है प्यार की चाँदनी

मून है मन का कारक

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- अमितांशु पाठक

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प्रेम का कारक चंद्रमा है। नजद‍ीकियाँ बढ़ना, टूटना, बिगड़ना, बिछड़ना यह सब ह्यूमन लव रिलेशनशिप के जरूरी परिणाम हैं। जिनका सीधा कारक चंद्र है। चंद्रमा स्वयं प्रेम का स्वरूप और प्रतिरूप है। प्रेम की शीतल छाया चंद्रमा के मजबूत होने से ही मिलती है।

मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा ने स्वयं देवगुरु बृहस्पति की पत्नी तारा का अपहरण किया और अनेक दिवस तक भोग-विलास में रत रहे। जिससे बुध ग्रह का जन्म हुआ। अतः किसी के भी जीवन में प्रेम की उत्पत्ति या भोग विलास की प्रवृत्ति चंद्रमा के कुंडली में प्रबल होने के कारण होती है।

दूसरा ग्रह शुक्र-दैत्य गुरु हैं। इनसे ही विवाह आदि कार्य संपन्न होते हैं। अगर शुक्र अस्त हो गया तो विवाह आदि सभी मांगलिक कार्य रुक जाते हैं। तीसरे प्रमुख ग्रह देव गुरु बृहस्पति हैं। बृहस्पति भी प्रेम भाव को प्रकट करने वाले कारक ग्रह हैं।

सबसे महत्वपूर्ण कारक जीवों में पूर्वजन्म का संस्कार है। यही संस्कार एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। इंद्र ने स्त्रियों को वरदान दिया है- स्त्रियाँ जब चाहेंगी तब उनके अंदर काम की भावना जागृत और प्रकट हो जाएगी, यह श्रीमद्भागवत में लिखा है। इसीलिए पशुओं को छोड़कर मानव कभी भी फिजीकल रिलेशनशिप के लिए तैयार हो सकता है। माता-पिता, भाई-बहन, गुरु-शिष्य और मित्रों का प्रेम सात्विक, स्वाभाविक और पवित्र प्रेम है।

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समुद्र के ज्वार-भाटा का कारण चंद्रमा ही है, जो लव-इमोशन्स का भी निर्धारक ग्रह है। चंद्र-चकोर, चाँदनी का प्रेम और विरह में योग जैसे विषय चंद्रमा को प्रेम का ग्रह बनाते हैं। प्रथम दृष्टि का प्रेम (लव एट फर्स्ट साइट) और कुछ नहीं केवल ग्रहों का परिणाम है। ग्रहों की विशिष्ट युतियाँ या कहें कॉम्बिनेशन से ही यह स्थिति लाइफ में आती है।

परमानेंट फ्रेंडशिप, दो व्यक्तियों के प्लेनेट और राशियों के मालिकों के बीच के एस्ट्रो कैल्क्यूलेशन पर आधारित है। वैलेंटाइन डे की मान्यता पीछे भी शुक्र ग्रह की मजबूती प्रमुख कारण है।

जहाँ सेक्स और फिजीकल इन्वॉल्वमेंट प्रेम का आधार हो वहाँ शुक्र प्रबल होता है। जहाँ डेडिकेशन व कमिटमेंट हो,वहाँ बृहस्पति यानी ज्यूपिटर प्रेम का कारक होगा। शुक्र का मंगल से भी संबंध होता है। दो लवर्स की कुंडली(होरोस्कोप) में मंगल और शुक्र का अच्छा संबंध लव-फीलिंग्स और लव-रिलेशनशिप को लॉंग टर्म बनाना है। लव एट फर्स्ट साइट में पिछले जन्मों के ग्रहों की युति तथा कार्यों का परिणाम है।

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