चन्द्र महादशा : क्या देगी फल
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भारती पंडित चन्द्रमा पूर्ण बली, उच्च का, मूल त्रिकोण में या स्वराशिस्थ हो तो अपनी दशा में सब सुख देता है मगर यदि यह कमजोर हो तो परेशानी देता है, मानसिक तनाव भी बढ़ता है। मेष और वृश्चिक राशि के चन्द्र की दशा में स्त्री को लाभ, साधन की प्राप्ति, धन प्राप्ति तो होती है मगर घर में कलह, सिर दर्द और चिंताएँ भी उभरती है। नीच या अष्टम से सम्बन्ध रखने पर या मंगल की दृष्टि होने पर दुर्घटना या चोट आदि के कुयोग भी बनते हैं। वृषभ या तुला का चन्द्रमा होने पर विवाह योग, स्त्रियों से लाभ, धन लाभ आदि फल मिलते हैं मगर रोग, चिंता और प्रवास में हानि के कुयोग भी यह चन्द्रमा बनाता है। अति कल्पनाशीलता से हानि भी होती है। मिथुन और कन्या का चन्द्र काव्य-कला में यश, अर्थ लाभ, यात्रा से लाभ, विवाह होना आदि शुभ प्रभावों का अनुभव करता है। कर्क के चन्द्रमा की दशा शुभ होकर अर्थ लाभ, सुख-साधनों में वृद्धि और धन लाभ कराती है। सिंह के चन्द्रमा की दशा सम्मान और पद में वृद्धि, धन की बढ़त और खेती आदि से लाभ, अन्न की बहुलता आदि के योग बनाती हैं।
धनु और मीन के चन्द्रमा की दशा में पुत्र लाभ, वाहन और साथी का सुख, शत्रु नाश, धनागमन और सेवकों का सुख आदि मिलता है। मकर और कुम्भ के चन्द्रमा की दशा में सामान्य सुख में वृद्धि तो होती है मगर पेट और सिर के रोग तथा विविध चिंताएँ सताती है। विशेष : चन्द्र यदि हानि दे रहा हो तो माँ की सेवा करे, पूर्णिमा को चन्द्र को चावल की खीर का भोग लगाएँ, दूध और पनीर अधिक खाएँ, चाँदी का प्रयोग करें और ध्यान-प्राणायाम अवश्य करें।