नागपंचमी : सर्प की नहीं शिव की पूजा करें
भारत देश शुरू से ही विभिन्न धार्मिक रीति के आधार पर पर्व-त्योहार मनाता आ रहा है। परंपरा से चली आ रही प्रथाएं भी इसका एक कारण हो सकती हैं। इसी क्रम में नाग पूजा की परंपरा भी वर्षों से चली आ रही है। भारतीय संस्कृति में नाग का विशेष महत्व बताया जाता है।
श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन नागपंचमी का पर्व परंपरागत श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस दिन नाग को देवता के रूप में पूजा जाता है तथा नाग को हल्दी, कंकू, दूध एवं खीर चढ़ाई जाती है। इस दिन नागों के दर्शन भी शुभ माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि हमारी धरती शेषनाग के फन पर टिकी हुई है। लेकिन इन सभी मान्यताओं के कारण सांपों के जीवन व उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।